अमेरिका फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के लिए एक ऐसे टेस्ट (Corona test) को मंजूरी दे दी है जो पुराने टेस्ट के मुकाबले काफी तेजी से नतीजे देने में सक्षम है। ये टेस्ट मरीज जहां मौजूद है वहां जाकर भी किया जा सकता है और ये सिर्फ 45 मिनट में बता देता है कि व्यक्ति को कोरोनास संक्रमण हुआ है या नहीं।
इस टेस्ट को कैलीफोर्निया की दवा कंपनी सेफिड (Cephid) ने तैयार किया है। इस टेस्ट से सबसे बड़ा फायदा ये है कि गंभीर मामलों की स्थिति में जल्द से जल्द संक्रमण का पता लगाया जा सकेगा और इलाज शुरू किया जा सकेगा। अगले ही हफ्ते से इस टेस्ट का इस्तेमाल अमेरिका में शुरू हो जाने की संभावना है।
अमेरिका में जल्दी इसी से टेस्ट शुरू होगा
हेल्थ और ह्यूमन सर्विस सेक्रेट्री एलेक्स अजार ने बताया कि जिस टेस्ट को हमने मान्यता दी है ये अमेरिकियों के लिए बड़ी राहत लेकर आ रहा है कि क्योंकि ये सिर्फ एक घंटे में बता देता है कि कोरोना संक्रमण हुआ है या नहीं। फिलहाल जिस टेस्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है वो इसे बताने में दो दिन तक का वक़्त ले लेता है। 30 मार्च तक इसके जरिए टेस्ट करना शुरू कर दिया जाएगा।
सेफिड के मुताबिक इस तरह के 23000 जीन एक्सपर्ट टेस्ट सिस्टम पूरी दुनिया में भेजे जाएंगे जहां ये कोरोना मामलों की जांच सिर्फ 45 मिनट में पूरी कर देंगे। कोरोना के चलते अस्पताल और हेल्थकेयर इंडस्ट्री काफी दबाव में हैं और इसके चलते गंभीर रूप से बीमार लोगों की अनदेखी हो रही है। इस टेस्ट के जरिए जल्दी से संक्रमण का पता चलेगा और इलाज शुरू किया जा सकेगा और कई जानें बचाई जा सकती हैं।
सेफिड ने बना लिए हैं 5000 जीन एक्सपर्ट सिस्टम
सेफिड के चीफ मेडिकल एंड टेक्नोलॉजी ऑफिसर डॉक्टर डेविड पर्सिंग ने बताया कि ये टेस्ट जल्दी नतीजे देता है और इसे कहीं भी किया जा सकता है, ऐसे में गंभीर श्रेणी के मरीजों के लिए ये काफी फायदेमंद साबित होने जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसकी 5000 यूनिट तैयार हैं जो सीधे अस्पतालों में जाकर काम शुरू करने की स्थिति में हैं। इस टेस्ट को करने के लिए किसी को भी कोई ट्रेनिंग देने की ज़रुरत नहीं है, ये ऑटोमेटेड हैं और 24 घंटे काम करने में सक्षम भी हैं।
FDA कमिश्नर स्टीफन हान के मुताबिक टेस्ट के रिज़ल्ट पर ही सबकुछ निर्भर करता है, उससे पहले डॉक्टर्स भी कुछ करने की स्थिति में नहीं होते हैं। सबसे ज़रूरी बात ये कि इसे कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है वो चाहे अस्पताल हो या फिर इंटेंसिव केयर रूप, इसके नतीजों के लिए लेबोरेट्री का इंतज़ार नहीं करना होगा। इससे मरीजों को जल्दी इलाज मिल सकेगा और कोरोना पर कंट्रोल करने में ये अहम कदम साबित होगा।