स्विटजरलैंड । विश्व की सबसे बड़ी नाभिकीय प्रयोगशाला । यह भौतिकी की सबसे बड़ी प्रयोगशाला तो हैं ही । यहा नाभिकीय संलयन और विखंडन से जुड़े शोध कार्य होता है । स्विटजरलैंड में स्थित यह नाभिकीय प्रयोगशाला (CERN) धरती पर भौतिकी की सबसे बड़ी प्रयोगशाला है, जहाँ अणुओं की सारी तोड़-फोड़ हो रही है। वहाँ के प्रवेशद्वार के सामने नटराज की एक मूर्ति है। क्योंकि उन्हें महसूस हुआ कि मानव संस्कृति में इसके सिवाए ऐसा कुछ नहीं है, जो उनके अभी के काम से मिलता-जुलता हो, उसके करीब हो। लय में हैं तो सृजन, क्रुद्ध हुए, लय बिगड़ा तो रूद्र अर्थात महा विनाशक। परमाणु और अणुओं से ही सृष्टि का कण-कण निर्मित है और वही परमाणु जब मुक्त हो जाता है तो महाविनाशक परमाणु बम।
खैर, नटराज रूप सृष्टि के उल्लास और नृत्य यानी कंपन को दर्शाता है, जिसने शाश्वत स्थिरता और नि:शब्दता से खुद को उत्पन्न किया है। चिदंबरम मंदिर में स्थापित नटराज की मूर्ति बहुत प्रतीकात्मक है। क्योंकि जिसे आप चिदंबरम कहते हैं, वह पूर्ण स्थिरता है। इस मंदिर के रूप में यही बात प्रतिष्ठित की गई है कि सारी गति पूर्ण स्थिरता से ही पैदा हुई है। शास्त्रीय कलाएँ इंसान के अंदर यही पूर्ण स्थिरता लाती हैं। स्थिरता के बिना सच्ची कला नहीं आ सकती। स्थिरता, लय और गति का सुन्दर तालमेल देखना हो तो महसूस करिए भारतीय संगीत परम्परा में छिपे जीवन के अनहदनाद को।