आज कोरोना संकट पर विमर्श के लिए मुख्यमंत्री की ओर से आयोजित सर्वदलीय बैठक को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने विपक्ष से आग्रह किया कि वे केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से बैंकों के जरिए गरीबों को दी जा रही 12,612 करोड़ की सहायता राशि व खाद्यान्नों के वितरण में सहयोग करें। बिहार का कोई भी ऐसा गरीब नहीं होगा जिसे खाद्यान्न के अलावा उसके खाते में कम से कम 3 हजार रुपये की सहायता राशि नहीं जायेगी।
मोदी ने कहा कि विभिन्न राहत योजनाओं के तहत राज्य सरकार 5,867 करोड़ तो केन्द्र 6,745 करोड़ रुपये की सहायता डीबीटी के जरिए गरीबों को दे रही हैं। राज्य सरकार की ओर से 1.68 करोड़ राशनकार्डधारियों के खाते में एक-एक हजार रुपये तथा केन्द्र द्वारा मुफ्त में 15 किग्रा. खद्यान्न और 3 किग्रा. दाल व उज्ज्वला योजना की 85 लाख लाभुक महिलाओं को तीन-तीन गैस सिलेंडर दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है जिसने 19 लाख प्रवासियों के खाते में 1-1 हजार रुपये दिया है। दूसरे प्रदेशों में रह रहे मजदूरों व छात्रों की वापसी के लिए ट्रेने चलाई गई हैं। ट्रेन से आने वाले सभी श्रमिकों को 21 दिन की क्वेरंटाइन के बाद 500-500 रु. के साथ अगर किसी को किराया देना पड़ा है तो उसे एक-एक हजार रु. दिए जायेंगे।
डिप्टी सीएम ने कहा कि जहां देश की आधे दर्जन से ज्यादा राज्य सरकारों ने राजस्व उगाही में कमी होने के कारण अपने कर्मियों के पेंशन-वेतन में भारी कटौती किया है वहीं बिहार ने लॉकडाउन अवधि में उपस्थित नहीं रहने वाले कर्मचारियों को भी पूर्ण वेतन देने का निर्णय लिया है।
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