बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भले ही भाजपा बिहार चुनाव में एनडीए का चेहरा बता रही हो लेकिन सच्चाई ये है कि हमेशा वो पार्टी से हटकर ही बयान देते आए हैं । इससे पहले भी कई मंचों पर कई बार वो अपने सहयोगी पार्टी भाजपा के खिलाफ बोल चुके हैं । ताजा मामला दरभंगा का है । आज दरभंगा के दरभंगा में मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्व विद्यालय सेटेलाइट कैंपस चंदन पट्टी हायाघाट में अल्यसंख्यक कल्याण विभाग की योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि बिहार में एन पी आर भी 2010 के नियम के अनुसार ही लागू होगा।
अल्पसंख्यक इलाके में इस विवादित मामले पर एलान कर नीतीश ने साफ संदेश दे दिया है कि वे बिहार में अपने विरोधियों को जबाव देने की तैयारी शुरू कर दी है। नीतीश ने अपने शासन काल में अल्पसंख्यकों के लिये किये जा रहे विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए अल्प संख्यक समुदाय को यह भरोसा दिलाया है वे उनके हितो की रक्षा करने के लिये सदैव तैयार है।
गौरतलब है कि सोमवार से बिहार विधान मंडल का जहां बजट सत्र शुरू हो रहा है और इस सत्र में विरोधी दलों ने सीएए और एनआरसी के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की योजना बनाई है वहीं 27 फरवरी को जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के द्वारा पटना के गांधी मैदान में जनगण मन रैली का आयोजन किया गया है और आज से ही बिहार विधान सभा में विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी हटाओ रैली की शुरूआत की है। ऐसे में नीतीश का यह एलान विरोधियों की राजनीति पर पानी फेरने की कोशिश है।