अयोध्या राम नगरी में विश्व की सबसे ऊंची भगवान श्री राम (Lord Shri Ram) की प्रतिमा लगाने के लिए जगह लगभग तय हो गई है. उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने अयोध्या (Ayodhya) के माझा बरेहटा गयापुर द्वाबा में प्रतिमा लगाने को हरी झंडी दे दी है. इसके साथ ही जमीन अधिग्रहण के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट भी आवंटित कर दिया है. पहले यह प्रतिमा रामनगरी के मीरापुर द्वाबा क्षेत्र में लखनऊ-गोरखपुर फोरलेन पुल और राम घाट स्थित रेलवे पुल के बीच लगनी थी, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के चलते योगी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को माझा बरेहटा में स्थानांतरित कर दिया.
योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए प्रदेश सरकार ने 86 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण का खाका तैयार किया है. जबकि योजना के लिए ग्राम सभा क्षेत्र के 260 किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. इसके लिए जिला प्रशासन के माध्यम से 15 दिन में आपत्तियां मांगी गई हैं. प्रदेश सरकार की ओर से राम नगरी में आयोजित दूसरे दीपोत्सव कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से राम नगरी में विश्व की सबसे ऊंची मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की प्रतिमा लगाने की घोषणा की थी.
पहले यहां लगनी थी प्रतिमा
इसके लिए शासन और प्रशासन स्तर पर राम नगरी के मीरापुर द्वाबा क्षेत्र की सरयू से सटी जमीन चिन्हित की गई थी. अधिकारियों के साथ खुद मुख्यमंत्री ने इस जगह का निरीक्षण किया था. प्रदेश सरकार की ओर से योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए 447.46 करोड़ रुपए भी मंजूर कर दिए गए. योजना के लिए जमीन अधिग्रहण के मद में शासन ने रकम का आवंटन कर दी और जिला प्रशासन ने चिन्हित जमीनों की किसानों से अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी. क्षेत्रीय निवासियों और किसानों ने जमीन अधिग्रहण किए जाने का विरोध किया. हालांकि इसी दौरान निर्माण को लेकर आ रही तकनीकी दिक्कतों को लेकर हाई लेवल कमेटी बनाई गई तो कमेटी ने फोरलेन सरयू पुल और रेलवे पुल के बीच श्री राम की प्रतिमा के स्थापना के प्रोजेक्ट को मंजूर नहीं किया.
100 करोड रुपए का बजट
इसके बाद आनन-फानन में योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए राम नगरी के आसपास की अन्य जमीनों की तलाश और पैमाइश का काम शुरू हुआ. जनपद दौरे पर आए सीएम योगी व आला अधिकारियों को जिला प्रशासन की ओर से विकल्प के रूप में अन्य जमीने और क्षेत्र दिखाए गए. मीरापुर द्वाबा मे निर्माण की एनओसी न मिल पाने के चलते जिला प्रशासन की ओर से प्रतिमा स्थापना के लिए माझा बरेहटा क्षेत्र का प्रस्ताव भेजा गया, जिसको प्रदेश सरकार ने हरी झंडी दे दी. जिलाधिकारी अनुज झा ने बताया कि जमीन अधिग्रहण के लिए 100 करोड रुपए का बजट भी आवंटित किया गया है.