होरी खेलूं कह बिस्मिलाहः देवा शरीफ़ की दरगाह, जहां हर मज़हब के लोगों ने मिलकर मनाई होली
वैसे तो रंगों का कोई मजहब नहीं होता और बाराबंकी की देवा शरीफ दरगाह में तो बिल्कुल नही है। रंगों ...
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Read moreहोली है तो रंग, गुलाल व अबीर की बौछार तो होगी ही, पर आपकी थोड़ी-सी असावधानी खुशियों के इन रंगों ...
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