प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कोरोना वायरस को लेकर राष्ट्र को संबोधित किए। इस दौरान उन्होंने देशवासियों से 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाने का आह्वान किया है। पीएम ने यह भी कहा है कि यह वैश्विक महामारी हो चुकी है। इससे पूरा विश्व परेशान है। उन्होंने देशविसयों से वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए साथ आने की अपील की है। साथ ही उन्होंने बुजुर्ग लोगों से घर से बाहर नहीं निकले की अपील की है।
कोरोना वायरस को लेकर देश के नाम अपने संबोधन में नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ दिन में नवरात्रि का पर्व आ रहा है। ये शक्ति उपासना का पर्व है। भारत पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़े, यही शुभकामना है। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि लोगों को संकल्प लेना चाहिए कि वे केंद्र और राज्य सरकारों के परामर्श का अनुपालन करेंगे। मोदी ने लोगों से अनुरोध किया कि वे नियमित जांच के लिए अस्पताल जाने से बचें ताकि स्वास्थ्यकर्मियों पर दबाव कम हो।
कोरोना वायरस के लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी के सभी कार्यकर्ता पीएम मोदी के दिए गाए काम में सहयोग करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना को लेकर देशवासियों के नाम अपने संबोधन में देशवासियों से मदद की अपील की है। उन्होंने कहा है कि हम साथ मिलकर इस वैश्विक महामारी से लड़ सकते हैं। आने वाला समय हमारे लिए काफी मबत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए कोई मुक्कमल उपाय नहीं मिला है न ही कोई टीका विकसित हुआ है। यह मानना गलत है कि भारत पर कोरोना वायरस का असर नहीं पड़ेगा, ऐसी महामारी में ‘हम स्वस्थ, जगत स्वस्थ मंत्र काम आ सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के नाम संबोधन पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश से प्रधानमंत्री जी द्वारा मांगा गया ‘जनता-कर्फ्यू’ का समर्थन बहुत ही जरुरी है और आज समय की मांग भी है। आइए हम भारतवासी 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक अपने घरों में रहकर जनता कर्फ्यू को सफल बनाकर राष्ट्रहित में अपना योगदान दें।
आईये जानते हैं पीएम मोदी की राष्ट्र के नाम संबोधन की 10 बड़ी बातें-
1- बीते कुछ दिनों से ऐसा माहौल बना है कि हम संकट से बचे हुए हैं। वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की यह सोच सही नहीं है। इसलिए, प्रत्येक भारत वासी का सतर्क रहना बहुत आवश्यक है। पीएम मोदी ने कहा कि आपसे हमने जब जो मांगा, मुझे देशवासियों ने निराश नहीं किया है। यह आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हम सब मिलकर के अपने निर्धारित लक्ष्यों की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। प्रयास सफल भी हो रहे हैं।
2-पीएम मोदी ने कहा कि आज 130 भारतवासियों से कुछ मांगने आया हूं। मुझे आने वाला आगे का आपका कुछ समय चाहिए। विज्ञान कोरोना महामारी से बचने के लिए कुछ निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है न ही कोई वैक्सीन बनी है। ऐसी स्थिति में हर किसी की चिंता बढ़नी स्वाभाविक है। दुनिया के जिन देशों में कोरोना का वायरस और उसका प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है वहां पर अध्ययन में एक और बात सामने आई है कि इन देशों में शुरुआती कुछ समय के बाद बीमारी का जैसा विस्फोट हुआ है।
3- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संकट पर देश के नाम संबोधन में कहा कि प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में भी इतने देश प्रभावित नहीं हुए थे जितना की कोरोना वायरस से हुए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण पूरा विश्व संकट से गुजर रहा है और प्रत्येक भारतीय को सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मानना गलत है कि भारत पर कोरोना वायरस का असर नहीं पड़ेगा। ऐसी महामारी में ‘हम स्वस्थ, जगत स्वस्थ मंत्र काम आ सकता है।
4-करोना के संक्रमण की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। हालांकि, कुछ देश ऐसे भी हैं जिन्होंने आवश्यक निर्णय भी किए और अपने यहां के लोगों को ज्यादा से ज्यादा आइसोलेट करके स्थिति को संभाला है, और उसमे नागरिकों की भूमिका काफी अहम रही है।
5-भारत जैसे 130 करोड़ आबादी वाले देश के सामने भी, हम वो देश है जो प्रगतिशील देश हैं, हम जैसे देश पर कोरोना का संकट सामान्य बात नहीं है। आज जब बड़े-बड़े विकसित देशों में इस महामारी का प्रयास देख रहे हैं तो भारत में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा यह मानना गलत है।
6-आज हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम स्वंय संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को संक्रमित होने से बचाएंगे। इस तरह की वैश्विक महामारी में एक ही मंत्र काम करता है- हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ। ऐसी स्थिति में जब इस बीमारी की दवा नहीं है तो इससे बचना आवश्यक है।
7-आजकल जिसे सोशल डिस्टेंसिंग कहा जा रहा है, कोरोना के इस दौर में सोशल डिस्टेंसिंग सबसे ज्यादा कारगर और आवश्यक है। इस दौर में यह बहुत बड़ी भूमिका निभानेवाला है।
8-अगर ये लगता है कि आपको कुछ नहीं होगा और आप ऐसे ही मार्केट में जाते रहेंगे और कोरोना से बचे रहेंगे ये सही नहीं है। ऐसा कर आप अपने साथ और परिवार के लोगों के साथ अन्याय करेंगे।
9-इसलिए यह अपील है कि आनेवाले कुछ सप्ताह तक जहां तक संभव हो सके अपना काम हो सके तो अपने घरों से ही करें। जो अस्पताल से जुड़े हैं, मीडियाकर्मी हैं, नौकरशाह है उनकी सक्रियता तो जरूरी है। लेकिन, बाकी लोग समारोह से खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि अभी हमें अपना सारा सामर्थ्य कोरोना से बचने के लिए देनी होगी। आज चाहे जनप्रतिनिधि हो या सिविल सोसाइटी, हर कोई अपने-अपने तरीके से योगदान दे रहा है।