पूरी दुनिया अक्टूबर महिने को ब्रेस्ट अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाती हैं । इस दौरान स्तन कैंसर से बचाव की मुहिम चलाई जाती है । इसी कड़ी में आज ट्वीटर पर नो ब्रा डे अचानक से ट्रेंड करने लगा । इस मुहिम में महिलाये बिना ब्रा पहने अपनी फोटो ट्वीटर पर शेयर करने लगी ।
Do well to say a word of prayer for women battling Breast Cancer, it’s not an easy fight. #NoBraDay pic.twitter.com/M3IYYhO9oW
— King_More (@kaY_oLivatweet) October 12, 2019
कब हुई है इसकी शुरूआत
इसकी शुरूआत सबसे पहले दक्षिण कोरिया की सिंगर और एक्ट्रेस सुली ने किया था । उन्होंने अपने इंस्टाग्राम के ऑफिशियल अकाउंट पर बिना ब्रा वाली तस्वीर शेयर की थी । यह तस्वीर देखते ही देखते वायरल हो गई थी । इसके बाद से ही वह दक्षिण अफ्रिका में महिलाओं के लिये #NOBRADAY का सिंबल बन गई । और पुरी दुनिया उनके इस मुहिम से जुड़ गई ।
#NoBraDay is for:
•Breast Cancer Awareness
•Importance of breast-examination
•Encourage women to partake in breast cancer screening.Not for Perverts or women to expose themselves in a purposefully sexual way
Meanwhile, Dj please play me Jo Soapy by Naira Marley.?
— Obi Of Onitsha?? (@cliqik) October 13, 2019
ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है 1968 में अमेरिका के ब्युiटी कॉन्टेस्ट के दौरान महिलावादियों ने ब्रा जलाकर अपना विरोध दर्ज किया था ।
#NoBraDay is Day set aside to remind out self about the high rate of breast cancer that affect women all over the world, below are some guidelines on how to identify the symptoms.
Please RETWEET and save a life ? pic.twitter.com/1Ye7viKTuy
— Big Daddy Jayy (@beatsbyBDJ) October 13, 2019
जानिये ब्रा के बारे में रोचक तथ्य
- प्राचीन मिस्र के दिनों में ब्रा चमड़े की बनी होती थी। इसे पहनने में अच्छी खासी मशक्कत करनी पड़ती थी।
- 17 वीं और 18 वीं शताब्दी में सफेद रंग के मलमल के अंडरगारमेंट का चलन चला। यह किसी कमीज की तरह दिखती थी।
- 1890-1895 के दौरान महिलाएं कोर्सेट पहनती थीं, जो एक तरह की जैकेट होती थी। कोर्सेट के पीछे डोरियां होती थीं, जिसे बहुत ज्यादा कसा जाता था। इस ब्रा को पहनने से इतना नुकसान होता था कि डॉक्टरों ने महिलाओं को इसे न पहनने की सलाह तक दे दी थी, क्योंकि इसके कसे होने के कारण जी घबराना, पेट में गड़बड़ी, सांस फूलने जैसी परेशानी होती थी।
- 1889 में आधुनिक ब्रा का अविष्कार हुआ था। फ्रांस की हरमिनी काडोले ने टू पीस अंडरगारमेंट बनाया था। जिसे कोर्सेलेट जॉर्ज नाम दिया गया। इस ब्रा के आने के बाद महिलाओं का ब्रा के प्रति नज़किया बदल गया। ये जितना पहनने में आसान थी, उतना ही इसे पहनने में समय बचता था।
- 1940 के बाद ब्रा का रूप भी बदल गया। नायलॉन का कपड़ा होने की वजह से अंडरगारमेंट पहनने में हल्के तो होते ही थे साथ ही अब इन्हें प्रेस करने की जरूरत भी नहीं पड़ती थी। यही वजह है कि 45 साल से कम उम्र की हर महिला ने इसे अपनी जिंदगी में शामिल कर लिया था।
- 1960 में लिटिल X नामक ब्रा ने महिलाओं की जिंदगी ही बदल दी। इस ब्रा के विज्ञापन ने महिलाओं को अंडरगारमेंट से आज़ादी का संदेश दिया। लाइक्रा का कपड़ा होने की वजह से अंडरगारमेंट मुसीबत से आरामदायक हो गए। तब से लेकर अब तक अंडरगारमेंट का फैशन बदलता ही चला आ रहा है।