बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पो’र्न वेबसाईट के खिलाफ एक मुहिम छेड़ी है । मकसद है लोगों को ज्यादा से ज्यादा इससे दुर रख सके ताकि ब’ल्ताकार जैसी घटना पर अंकुश लग सके । इस बाबत उन्होने केन्द्र को पत्र भी लिखा है । हालांकि देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संज्ञान लेते हुए भारत में कई पो’र्न साइट को बंद भी किया है । लेकिन फिर भी रिपोर्ट में जो आंकडे है वो चौकाने वाले है ।
सोमवार को इसी कड़ी में गूगल ट्रेंड्स एनालिटिक्स और एलेक्जा रैंकिंग का एक डाटा सामने आया जिसके अनुसार मोबाइल में वीडियोज़ देख रहे यूजर्स में 96 प्रतिशत पो’र्न कंटेंट पर नज़र गड़ाए थे । इसी समय पटना सचिवालय-आसपास में यह आंकड़ा शून्य पर था, हालांकि रात गहराई तो यहां वीरानी में भी लोग नेट पर एक्टिव हुए और ऐसे कंटेंट देखने लगे। सचिवालय का आंकड़ा मंगलवार को लंच आवर में और बढ़कर 12 प्रतिशत तक पहुंच गया। चिंता की बड़ी बात यह सामने आई कि रात में बोरिंग रोड, पटेल नगर, एसकेपुरी, किदवईपुरी आदि के कई हॉस्टल कैंपस के ऐसे आंकड़े निकाले गए तो यह 39 से 43 प्रतिशत के बीच आए।
देश में पिछले साल बड़ी तादाद में पो’र्न वेबसाइट को ब्लॉ’क किए जाने के बाद अब इंटरनेट यूज़र गूगल पर नए टर्म्स से ऐसे वीडियोज़ ढूंढ़ रहे हैं, देख रहे हैं। लेकिन, सिर्फ यूजर ही गूगल पर सबकुछ नहीं देख रहे, उन्हें भी कोई देख रहा है।
पटना में गूगल ट्रेंड्स एनालिटिक्स और एलेक्जा रैंकिंग के रैंडम आंकड़े देखे तो सोमवार रात 9 से 11 बजे तक सचिवालय क्षेत्र में कोई भी गूगल के जरिए पो’र्न कंटेंट देखने वाला नहीं मिला, लेकिन रात 11:36 बजे नेट पर एक्टिव लोगों में 7 प्रतिशत पो’र्न देख रहे थे। मंगलवार दोपहर सचिवालय में आंकड़ा 12 प्रतिशत तक चला गया। संत माइकल, नॉट्रेडम और डॉन बॉस्को में सोमवार देर रात और मंगलवार दोपहर को शून्य प्रतिशत का आंकड़ा मिला।
गर्ल्स हॉस्टल भी नहीं रहा अछुता
हॉस्टल में विद्यार्थी पढ़ने के लिए रहते हैं और देखरेख भी भरोसेमंद पर रहती है, लेकिन बोरिंग रोड के तीन, एसकेपुरी, किदवईपुरी और पटेलनगर के एक-एक गर्ल्स हॉस्टल में रात 11:16 पर गूगल के जरिए वीडियोज़ देखने वालों में 39 प्रतिशत यूज़र पो’र्न वीडियो देख रहे थे। बोरिंग रोड के एक कॉमन हॉस्टल में देर रात यह आंकड़ा 43 प्रतिशत मिला। लगभग शत प्रतिशत हॉस्टल में केयरटेकर से रसोइए तक पुरुष हैं, संभव है कि वही देखते हों लेकिन यह सहज कतई नहीं है।
यह आंकड़ा देश के पिछड़े प्रदेश बिहार के राजधानी का है । शहरों में खासकर मेट्रो शहरों में यह आंकड़ा और बढ़ जाएगा । यह आंकड़े गुगल एनालाटिक्स के हैं । बिंग, याहु और एमएसएन का रिजल्ट अगर जोड़ दिया जाय तो यह आंकड़ा और आगे जाएगा । उपर से वर्चुअल नेटवर्क जैसी सेवा प्रदाता कंपनी को जोड़े तो यह आंकड़ा एकमदम साफ होगा कि इंटरनेट पर वीडियो सिर्फ पो’र्न देखने के लिये ही इस्तेमाल होता है ।