पटना डूब रहा है । सोशल मीडिया की तस्वीरें इतनी भयावह है कि रूह काँप जाए । राजा जी मीटींग में व्यस्त है और लोग भगवान को कोस रहे हैं । ड्रेनेज सिंस्टम का हाल इतना बुरा है कि नाला और गंगा एक समान हो गया है ।
जेसीबी से बच्चों को रेस्क्यू किया जा रहा है । लेकिन पीएमसीएच और एनएमसीएच खुद डूबा पड़ा है । और इन सबके बीच सोशल मीडिया पर अलग तरह का ही जंग छि़ड़ा हुआ है । राहत से ज्यादा व्यंग वाण चलाये जा रहे हैं ।
राष्ट्रीय जनता दल शुरू से ही इस बाढ़ का ठीकरा नीतीश कुमार के कंधं पर फोड़ रही है । उनका बस चले तो वो ये भी कह दी के ये बाढ़ नीतीश कुमार के घर के निकले पानी से है ।
कुशासन बाबू अपने कुप्रबंधन का ठीकरा कभी विपक्ष तो कभी प्रकृति के नाम फोड़ देते है। CM बाढ़, सुखाड़, लू, चमकी बुखार, जलजमाव के लिए प्रकृति को दोषी और अपराध,भ्रष्टाचार, गैंगरेप के लिए समाज को दोषी ठहरा देते है। कुर्सी कुमार और सुशील मोदी ऐसे भयावह मौक़ों पर लंबी चुपी खींच जाते है ।
ट्वीटर पर रीट्वीट और शेयर का सिलसिला जारी है, इसी बीच एक और ट्वीटर शेयर होता है :
15 वर्ष से कुर्सी पर कुंडली जमाए भ्रष्ट अंतरात्मा बाबू हर प्रशासनिक विफलता के लिए प्रकृति और 20 साल पहले की सरकार को दोष देते है। सीवर के नाम पर निर्गत हज़ारों करोड़ कौन भूत खा गया? यह नीतीश कुमार और सुशील मोदी को नहीं पता लेकिन विपक्ष को कोसने में ज़ुबान कैंची की तरह चलती है।
कुमार विश्वास ने भी अपने पोस्ट में कुछ तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा है :
प्रशासन की काहिली के कारण त्राहि-त्राहि कर रहे शहर की इस हालत पर अपने “कुशासन” के लिए शर्मिंदा होने की बजाय इसे “प्रकृति का कोप” कहकर निकल लेना न केवल अशोभनीय है अपितु संवेदनहीन भी है ! ईश्वर राजधानी में जमा इस अपार पानी की कुछ बूँदे राजनीति की आँखों को भी बख़्शे ।
राबड़ी देवी भी ट्वीटर पर ट्वीट करती नजर आई, डुबते रेमंड शोरूम के साथ बाढ़ और कुछ तस्वीरों के साथ लिखती है :
कथित सुशासन के 15 साल के कथित विकास से निर्मित बिहार की कथित स्मार्ट सिटी पटना चंद मिनटों में डूब गयी। प्रकृति और विपक्ष को दोष देने के बहाने ढूँढने में जुटे कथित सरकारी बाबू।
बता दें की उत्तर प्रदेश और बिहार में भारी बारिश के चलते हो रहे जल-प्लावन ने विकराल स्थिती पैदा कर दी है । पिछले चार दिन से लाईट नहीं है । मीटर तक में पानी घुस आया है और लोग त्राहिमाम कर रहें है ।