कोरोनावायरस (Covid 19 – Coronavirus) ने चीन समेत पूरी दुनिया में तहलका मचा रखा है। भारत समेत 29 देश इसकी चपेट में आ चुके हैं। चीन में तो कोरोनावायरस के संक्रमण से होने वाली मौतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO – World Health Organisation) आए दिन बढ़ते संक्रमण के नए आंकड़े जारी कर रहा है।
लेकिन एक महादेश ऐसा है जहां अब तक कोरोनावायरस पहुंच नहीं पाया है। वो महादेश है – अफ्रीका। अब तक जितने देशों में कोरोनावायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनमें से एक भी अफ्रीकी देश नहीं है।
जबकि चीन और अफ्रीकी देशों के बीच काफी अच्छे संबंध हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, करीब 20 लाख चीनी अफ्रीकी देशों में रहते व काम करते हैं। वहीं, अफ्रीकी नागरिक भी पढ़ाई व व्यापार के लिए चीन आते-जाते रहते हैं। चीन के वुहान में नोवेल कोरोनावायरस संक्रमण फैलने से पहले चीन व अफ्रीकी देशों के बीच रोजाना 8 विमान उड़ान भरते थे। क्वार्ट्ज अफ्रीका के अनुसार, अफ्रीका के सबसे बड़े विमान इथियोपियन एयरलाइंस पर सबसे बड़ी संख्या चीनी यात्रियों की होती है।
अब सवाल है कि इन सब के बावजूद अफ्रीकी देश अब तक कोरोनावायरस से बचे कैसे हैं? वो क्या चीज है जो यहां कोरोनावारस का संक्रमण फैलने से रोक रही है? इन सवालों के जवाब आगे बता रहे हैं।
कोरोनावारस से अफ्रीकी देश क्यों बचे हैं, इसके तीन कारण बताए जा रहे हैं।
पहला कारण
केन्या के एक शोधकर्ता का कहना है कि हो सकता है कि अफ्रीका में कोरोनावायरस के मरीज हों, लेकिन हम उनका पता नहीं लगा पा रहे हों। क्योंकि यहां संक्रमण जांच लैबोरेटरी की कमी है।
हालांकि इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि हालात बदल चुके हैं। एक दर्जन से ज्यादा अफ्रीकी देश पिछले सप्ताह सेनेगल में मिले थे और उन्होंने सीखा कि इस वायरस की जांच कैसे करते हैं। अब 19 अफ्रीकी देश कोरोनावायरस (Covid 19) संक्रमण की जांच करने में सक्षम हैं।
दुसरा कारण
अफ्रीका के सभी प्रमुख देशों हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर स्क्रीनिंग की सुविधा रखी है। पिछले सप्ताह ही अफ्रीकी देश सिएरा लियॉन में 30 से ज्यादा चीनी नागरिक पहुंचे। उन सभी को फ्रीटाउन में कारंटाइन (quarantine) में रखा गया है।
यहां के स्वास्थ्य सुरक्षा के निदेशक डॉ. मो. एलेक्स वैंडी का कहना है कि चीन से आने वाले किसी भी व्यक्ति (चाहे वह राजनयिक ही क्यों न हो) को पहले कारंटाइन में रखा जाएगा, अगर उसके पासपोर्ट के अनुसार वह बीते 14 दिनों में चीन से निकला है।
तीसरा कारण
अफ्रीका कोरोनावायरस के फैलने के अनुकूल वातावरण की तुलना में काफी ज्यादा गर्म है। अभी तक के अध्ययन के अनुसार, विशेषज्ञ कहते हैं कि 30 – 35 डिग्री से ज्यादा तापमान में जीवित नहीं रह पाते हैं।
कई अन्य फ्लू व वारस की तरह ही कोरोनावायरस भी ठंडे मौसम में ज्यादा सक्रिय होते हैं और संक्रमण फैलाते हैं।
हालांकि दो दिन पहले मिस्र में एक विदेशी नागरिक में कोरोनावायरस के लक्षण पाए गए थे। उसे तुरंत अस्पताल में विशेष निगरानी में रख दिया गया। अफ्रीकी सरकार ने उसकी स्थिति भी नियंत्रित बताई है।
अब एक सवाल ये भी है क्या कोई ऐसा उपाय लगाया जा सकता है कि शरीर का तापमान बढ़ा कर या बाहर का तापमान बढ़ाकर इसपर काबू पाया जा सके । ये शोध का विषय है ।