चंद्रयान के विक्रम लैंडर और ऑर्बिटर के बीच संपर्क की जद्दोज़हद जारी है. कयास पर कयास लग रहे हैं. कुछ कह रहे हैं कि चांद की सतह पर उतरा लैंडर सुरक्षित है, और कुछ कह रहे हैं कि किस हाल में है, इसका कोई अंदाज़ नहीं.
नीदरलैंड्स के वैज्ञानिक सीस बासा ने दावा किया है कि चंद्रयान का विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह से टकरा गया और इसके बाद ही ऑर्बिटर से उसका संपर्क टूटा. इसके पहले इसरो का आधिकारिक बयान ये था कि विक्रम का संपर्क तब टूटा, जब वो चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था.
दैनिक भास्कर और न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक़, बासा ने नासा की जेट प्रोपल्शन लैब के आंकड़ों और इसरो के सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध डेटा की तुलना की. तुलना के बाद बासा ने ये दावा किया कि चांद की सतह से टकराने के बाद संपर्क टूटा था.
इसके पहले इसरो का आधिकारिक बयान ये था कि विक्रम का संपर्क तब टूटा
उन्होंने इसरो के चंद्रयान की स्पीड का भी अध्ययन किया. चांद की सतह पर बेहद सफल लैंडिंग के लिए विक्रम लैंडर की स्पीड 7 किलोमीटर प्रति घंटा होनी थी. लेकिन बासा को मिले आंकड़ों के मुताबिक़, लैंडिंग के समय स्पीड लगभग 177 किलोमीटर प्रति घंटा थी. इस स्पीड से अगर विक्रम लैंडर चांद की सतह तक पहुंचा है, तो बहुत ज्यादा अंदेशा है कि वो टूट गया होगा.