दरअसल साबुन में ट्राइक्लोसन नाम का एक कैमिकल होता है। ये एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल तत्व होता है। लेकिन ये तत्व शरीर को फायदा करने वाली एंटीबायोटिक को भी विरोधित करता है जिससे शरीर की बड़ी आंत में सूजन और कैंसर हो सकता है। बता दें कि एक शोध के बाद इस बारे में जानकारी दी गई।
टूथपेस्ट और साबुन से हो सकती है ये जानलेवा बीमारी ,साबुन और पेस्ट में पाया जाने वाला एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल तत्व ट्राइक्लोसन के इस्तेमाल से बड़ी आंत में सूजन व कैंसर पैदा हो सकता है।
ट्राइक्लोसन की अधिक मात्रा का जहरीला प्रभाव पड़ता है, लेकिन स्वास्थ्य पर इसके कम मात्रा का प्रभाव अस्पष्ट था,ट्राइक्लोसन का प्रयोग चूहों पर शोध के निष्कर्ष में कहा गया है कि थोड़े समय के लिए ट्राइक्लोसन की कम मात्रा से कोलन से जुड़ी सूजन शुरू हुई और कोलाइटिस से जुड़ी बीमारी बढ़ने लगी और कोलन से जुड़ा हुआ कैंसर चूहों में देखा गया।
अमेरिका एफडीए ने प्रतिबंध लगाया
रोगाणु नाशक एजेंट ट्राइक्लोसन के प्रयोग को लेकर दुनिया के विकसित देशों में चिंता बढ़ी है । हाल में ही अमेरिका मिनेसोटा राज्य ने इसे प्रतिबंधित कर दिया है । जबकि अमेरिका एफडीए ने इस रसायन के टूथपेस्ट के प्रयोग को प्रतिबंधित कर दिया है । ऑस्ट्रेलिया में इस रसायन का प्रयोग एंटी-बैक्टेरियल हैंडवाश में कम मात्रा में ही करने की अनुमति है ।
ट्राइक्लोसन क्या है।
यह एक तरह का तत्व है जो कि एन्टी फंगल ओर एन्टी बैक्टीरियल की तरह इस्तेमाल किया जाता है, जो आपको साबुन और पेस्ट में आसानी से मिल जाता है। टूथपेस्ट और साबुन से हो सकती है ये जानलेवा बीमारी ,इनमे पाया जाने वाला तत्व जो इंसानों में कैंसर का मुख्य कारण बनता है ।