दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम लगभग घोषित हो चुका है । आम आदमी पार्टी एक बार फिर दिल्ली को बता दिया कि विकास के नाम पर वोट कैसे मिलता है । आम आदमी पार्टी के जीत के पीछे जिस इंसान का हाथ बताया जा रहा है वो है जदयू के निष्कासित प्रशांत किशोर । प्रशांत किशोर की कंपनी आईपैक दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिये कैंपेनिंग कर रही थी । प्रशांत किशोर ने आज ट्वीट कर इस जीत के लिये दिल्ली की जनता को बधाई भी दी है ।
अब बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या प्रशांत किशोर आप में शामिल होकर बिहार में अपनी किस्मत अजमाएंगे । क्या पवन वर्मा जो जदयू से निष्कासित हुए हैं आम आदमी पार्टी का हाथ थाम बिहार को एक नई दिशा देंगे । इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की पार्टी हरियाणा, पंजाब और गोवा में अपनी किस्मत आजमा चुकी है। ऐसे में अगला पड़ाव बिहार (Bihar) हो सकता है, जहां आठ महीने बाद चुनाव होने वाले हैं।
JDU से निष्कासित किए गए हैं पीके और पवन वर्मा
दरअसल, इस बात के कयास इसलिए भी लग रहे हैं, क्योंकि JDU से हाल में ही निष्कासित किए गए पवन वर्मा आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल तारीफ करते कहा था कि आने वाले समय में वह बिहार चुनाव में अपनी भूमिका के बारे में फैसला करेंगे। हालांकि, उन्होंने जोर देकर ये कहा कि उनकी अभी AAP से कोई बातचीत नहीं हुई है। वहीं, प्रशांत किशोर ने भी हाल में ही कहा था कि 11 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद वह अपनी नई रणनीति का खुलासा करेंगे। यही नहीं उनके किसी नई राजनीतिक पार्टी में जाने के कयास भी लगाए जा रहे हैं। ऐसे में बिहार में AAP के लिए पवन वर्मा और पीके की जोड़ी सहायक सिद्ध हो सकती है।
AAP की राजनीति से प्रभावित हुए पवन वर्मा
पवन वर्मा ने एक बार फिर AAP की सुशासन नीतियों के प्रति सम्मान व्यक्त किया और धर्मनिरपेक्ष जनादेश पर काम करने के उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘AAP की सुशासन की नीतियों और धर्मनिरपेक्ष जनादेश को लेकर मेरे मन में बहुत सम्मान है। मैं उनके द्वारा किए गए काम से प्रभावित हूं।’ पवन वर्मा ने कहा कि जहां तक बिहार चुनावों की बात है तो राजनीति कदम-दर-कदम एक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों में ही वह अपनी स्थिति तय करेंगे। बता दें कि पवन वर्मा का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब बिहार विधानसभा चुनाव लगभग आठ महीने दूर है।
सीएम नीतीश के करीबी माने जाते थे पवन वर्मा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भूटान के पूर्व राजदूत पवन वर्मा को जेडीयू में शामिल किया था और उन्हें अपना सांस्कृतिक सलाहकार बनाया था। जून 2014 में नीतीश कुमार ने उन्हें दो साल के लिए राज्यसभा भी भेजा था। उन्हें बाद में पार्टी का महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता भी बनाया गया था। बताया जाता है कि पवन वर्मा ने ही प्रशांत किशोर को सीएम नीतीश कुमार के लिए राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर परिचय करवाया था। हालांकि, प्रशांत किशोर ने दिल्ली में AAP के चुनाव अभियान के लिए काम किया और अब जेडीयू से निकाले जाने के बाद एक नए राजनीतिक ठिकाने की तलाश में हैं।
सीएम नीतीश के सिद्धांतों पर पवन ने उठाए थे सवाल
बता दें कि पवन वर्मा ने जेडीयू के सीएए और एनपीआर के समर्थन किए जाने का विरोध किया और इसे बीजेपी का एजेंडा करार देते हुए इसे विभाजनकारी राजनीति करार दिया था। हाल में ही उन्होंने सीएम नीतीश को सोशल मीडिया के जरिए एक लेटर भी लिखा था और बीजेपी से उनके रिश्ते पर वैचारिक स्पष्टता की मांग की थी। आम आदमी पार्टी के बिहार में आने की संभावनाओं का हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा ने स्वागत किया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि हमारी पार्टी विकास की राजनीति करने वालों के साथ है और जो भी बिहार के विकास के लिए आएगी, हम उसका समर्थन करेगी।
इधर कांग्रेस ने बिहार के सभी सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारने की औपचारिक शुरूआत कर दी है । राजद भी शायद अलग लड़ने का मूड बना चुकी है । ऐसे में आम आदमी पार्टी बिहार में जरूर अपनी किस्मत अजमाना चाहेगी । ऐसे में अगर पीके का भी साथ मिल जाए तो क्या कहने ।