पश्चिम बंगाम की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का वक्त मांगा है । इस वक्तब ने सोशल मीडिया पर सबको चौंका दिया है । तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं और कई तरह की गणना शुरू है । वहीं ममता ने साफ कह दिया है कि ये बस एक शिष्टाहचार भेंट है । बुधवार दोपहर बाद साढ़े चार बजे दोनों नेताओं की मुलाकात हो सकती है । अगर बुधवार को ममता बनर्जी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करती हैं तो ये पीएम मोदी के 2019 में दोबारा सत्ता में आने के बाद दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात होगी ।
ममता बनर्जी के प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात का वक्त मांगने पर सब हैरान हैं लोकसभा चुनाव से पहले, उसके दौरान और उसके बाद ममता दीदी ने जिस तरह के तेवर अपना रखे थे, उसमें वो केंद्र के सामने किसी भी तरह से झुकने को तैयार नहीं थी ।
आंध्र प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल में भी राज्य सरकार ने बिना अनुमति के सीबीआई जांच या छापे पर रोक लगा दी । कोलकाता के कमिश्नर रह चुके राजीव कुमार की संभावित गिरफ्तारी को देखते हुए वो सीबीआई के खिलाफ धरने पर बैठ गईं. केंद्र सरकार से झगड़ा मोल लेने का उन्होंने एक भी मौका नहीं छोड़ा । सवाल है कि इतना सब करने के बाद अब वो प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का वक्त क्यों मांग रही हैं?
क्या ममता बनर्जी सुलह-सफाई के मूड में हैं?
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री सचिवालय से पता चला कि सचिवालय ने प्रधानमंत्री मोदी को खत लिखकर मिलने का वक्त मांगा है । सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से मिलने का वक्त दिया गया । ममता बनर्जी को बुधवार दोपहर बाद साढ़े चार बजे का वक्त मिला है । इस दौरान वो प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगी । अंदेशा जताया जा रहा है कि केंद्र और बंगाल के रिश्तों की कड़वाहट इस मुलाकात में घुल सकती है ।
ममता बनर्जी की पीएम मोदी से मुलाकात की बात पर पश्चिम बंगाल बीजेपी ने तंज कसा है । पश्चिम बंगाल बीजेपी ने कहा है कि ये मौकापरस्ती और राजनीति का बेहतरीन उदाहरण है । ममता बनर्जी खुद को सीबीआई के शिकंजे से बचाने का हताशा भरा प्रयास कर रही हैं ।