पप्पू यादव कल किसी तरह पटना पहुँच गए । आते ही उन्होंने जो सबसे पहला काम किया वो था लोगों के बीच जाकर लोगों की मदद करने का । हांलांकि उससे पहले मीडिया में ये खबर तैर गई की जुनियर मोदी यानी शुशील मोदी तीन दिन से अपने घर में फंसे थे और उन्हे एनडीआरएफ की टीम ने रेस्कयू किया । यह उतना ही शर्मनाक है जितना नीतीश कुमार का छाते के अंदर से बारिश का मुआयना करते हुए मुस्कुराना ।
हालांकि अब तक पप्पू् यादव सिर्फ कोसी और मिथिलांचल क्षेत्र में हर साल बाढ़ के बीच लोगों की मदद करते नजर आते हैं, लेकिन आज पूर्व सांसद ने भारी बारिश से जलजमाव का मार झेल रही राजधानी पटना के राजेंद्र नगर इलाके में ट्रेक्टर से राहत सामग्री का वितरण लोगों के बीच किया । इस संकट की घड़ी में पप्पू यादव ने कहा कि हम भीषण आपदा की स्थिति में पटना के सभी नागरिकों के साथ हैं।
पप्पू यादव ने कहा,
“हम भीषण आपदा की स्थिति में पटना के सभी नागरिकों के साथ हैं। आज लोगों की मदद करने की जरूरत है, इसलिए हम पूरे देश की जनता से अपील करते हैं कि वे मदद के लिए आगे आएं। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।”
पप्पू यादव ने हालांकि पटना की नारकीय स्थिति पर नीतीश सरकार पर जमकर हमला भी बोला और कहा कि नीतीश कुमार को शर्म आनी चाहिए कि हर बार वह अपनी नाकामियों को प्राकृतिक आपदा बता कर पल्ला झाड़ लेते हैं।
जाप अध्यक्ष ने कहा,
“यहां जब मानसून आता है, तब सीवरेज का काम शुरू होता है। बाढ़ आती है, तब नीतीश कुमार को फरक्का की याद आती है। जब नेपाल पानी छोड़ता है, तब हवाई सर्वेक्षण को निकलते हैं। मगर, कभी इन समस्याओं स्थाई समाधान का प्रयास 15 सालों में नहीं किया। आज जब पटना में लोग डूबे, बाहर से आने वाले बच्चे बर्बाद हो गए, करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ, तब कहते हैं कि सब्र करो।”
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को शर्म आनी चाहिए कि हर बार वे अपनी नाकाकियों को प्राकृतिक आपदा बता पल्ला झाड़ लेते हैं। जाप (लो) अध्यक्ष ने कहा कि यहां जब मानसून आता है, तब सीवरेज का काम शुरू होता है। बाढ़ आती है प्रदेश में, तब नीतीश कुमार को फरक्का की याद आती है। जब नेपाल पानी छोड़ता है, तो हवाई सर्वेक्षण को निकलते हैं। मगर, कभी इन समस्याओं का 15 सालों में स्था़ई समाधान का प्रयास नहीं किया और आज जब पटना में लोग डूबे । बाहर से आने वाले बच्चे़ बर्बाद हो गए । करोडों का नुकसान हुआ, तब कहते हैं कि सब्र करो। 15 साल से तो सब्र ही कर रहे थे, आखिर कब तक ऐसे चलेगा। डबल इंजन वाली सरकार सिर्फ जुमलों की सरकार है। यह लोगों को समझना होगा। आखिर क्यों 15 सालों में प्रदेश के एकमात्र शहर पटना के लिए कोई मास्टर प्लान नहीं है।
उन्होंने बाढ़ राहत के नाम पर नेताओं और अधिकारियों को भी कटघरे में खड़ा कर दिया और कहा कि बाढ़ राहत के नाम पर नेता और पदाधिकारी अपना घर भरते हैं, पिकनिक करते हैं। राजद प्रवक्ता और सांसद मनोज झा ने पटना की हालात पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा, “जब सरोकार खत्म हो जाएंगे और सरकार केवल मुद्दों को बदलने वाले विषयों पर राजनीति करेगी तब नतीजा इस तरह का होगा।”