प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (फरवरी 16, 2020) को वाराणसी में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस दौरान सीएए और अनुच्छेद 370 को लेकर भी बातें की। अपने संसदीय क्षेत्र में कई बड़े विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के साथ-साथ पीएम मोदी ने गंगा नदी को निर्मल करने के लिए हो रहे प्रयासों के बारे में भी लोगों को बताया। उन्होंने पूर्वांचल के विकास के लिए 1200 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया।
पीएम ने बीएचयू में एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन किया, जिसका शिलान्यास उन्होंने ही 2016 में किया था। 430 बेड वाला ये अस्पताल 21 महीनों में बन कर तैयार हुआ है। सीएए लाने और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने वाले ऐतिहासिक फ़ैसलों के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन पर पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। चंदौली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और सीएए जैसे निर्णयों के लिए देश काफ़ी समय से इंतजार कर रहा था।
PM Narendra Modi in Chandauli: For years, India had been waiting for decisions like repealing Article 370 and introduction of CAA। These decisions were necessary in interest of the country। Despite all the pressure, we stood our ground over these decisions and will remain so। pic।twitter।com/bIFoa4rrvV
— ANI UP (@ANINewsUP) February 16, 2020
पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे फ़ैसले देशहित में ज़रूरी हो गए थे। उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि केंद्र सरकार पर तमाम दबावों के बावजूद वो इन फैसलों पर कायम रहेंगे और पीछे नहीं हटेंगे। पीएम मोदी ने 1 दिन में ही काशी में एक के बाद एक तीन कार्यक्रमों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि महादेव के आशीर्वाद से वो सभी फ़ैसले लिए जा रहे हैं, जो छोड़ दिए गए थे। पीएम ने कहा:
काशी विश्वनाथ धाम में ऐसे तमाम कार्य तेज़ी से पूरे किए जा रहे हैं। बहुत ही जल्दी बाबा का दिव्य प्रांगण एक आकर्षक और भव्य रूप में हम सभी के सामने आएगा। कुछ दिनों पहले श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे यहाँ आए थे। मंत्रमुग्ध राजपक्षे ने यहाँ की काफ़ी प्रशंसा की थी। काशी में पर्यटन आधारित रोजगार पर विशेष बल दिया जा रहा है। अकेले वाराणसी जनपद में पिछले 6 सालों में 25000 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स या तो पूरे हो चुके हैं, या फिर उन पर काम जारी है। अयोध्या कानून के तहत जो 67 एकड़ जमीन अधिगृहित की गई थी, वो भी पूरी की पूरी, नवगठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को ट्रांसफर कर दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजायन द्वारा पिछले 2 वर्षों में, 30 जिलों के 3500 से ज्यादा शिल्पकारों, बुनकरों को डिजाइन में सहायता दी गई है।
क्राफ्ट से जुड़े उत्पादों में सुधार के लिए एक हजार कलाकारों को Tool Kit भी दिए गए हैं: पीएम मोदी #PMInKashi pic।twitter।com/nZtRygi5zk
— BJP (@BJP4India) February 16, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा नदी को स्वच्छ किए जाने के लिए हुए कार्यों की सफलता की चर्चा करते हुए बताया कि बीते 5-6 वर्षों में गंगाजल में अभूतपूर्व सुधार देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि मठों द्वारा दिखाए रास्ते पर चलते हुए, संतों द्वारा दिखाए रास्ते पर चलते हुए, हमें अपने जीवन के संकल्प पूरे करने हैं और राष्ट्र निर्माण में भी अपना पूरा सहयोग करते चलना है।
आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति के लिए कर रहे हैं काम
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचने के लिए, उस तक विकास का लाभ पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रही है। लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं, देश बदल रहा है। जो आखिरी पायदान पर रहा है, उसे अब सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। सच में, काशी एक है, लेकिन उसके रूप अनेक हैं।
पहली बार हुआ टैक्स कलेक्शन Faceless
GST लागू होने से देश के लॉजिस्टिक्स में व्यापक बदलाव आया है। अब इस बदलाव को और मजबूत किया जा रहा है। देश में पहली बार नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी तैयार की जा रही है। इससे लघु उद्योग और सशक्त होंगे। देश के Wealth Creators को अनावश्यक परेशानी ना हो, इसके लिए पहली बार टैक्सपेयर्स चार्टर बनाया जा रहा है। इससे टैक्सपेयर के अधिकार तय होंगे। टैक्स कलेक्शन को फेसलेस किया जा रहा है।
करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी
पीएम मोदी ने कहा, ‘काशी में ये मेरा तीसरा कार्यक्रम है। सबसे पहले मैं अध्यात्म के कुंभ में था। फिर मैं आधुनिकता के कुंभ में गया, बनारस के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। अब मैं एक प्रकार से स्वरोजगार के कुंभ में पहुंच गया हूं।’यहां भांति-भांति के कलाकार, शिल्पकार एक ही छत के नीचे हैं। एक-एक धागे को जोड़कर, मिट्टी के एक-एक कण को घटकर, बेहतरीन निर्माण करने वालों के साथ, दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों को चलाने वाले, एक ही छत के नीचे बैठे हैं।