पहली नज़र में ये ख़बर पढ़कर आपको लग सकता है कि ये कोई वॉट्सऐप फॉरवर्ड है। मगर ऐसा है नहीं। पिछले दिनों महाराष्ट्र में जो कुछ हुआ, उसका बेहद सेंशेनल कारण बताया है BJP सांसद अनंत हेगड़े ने। उनके मुताबिक, बहुमत न होने के बावजूद देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाए जाने के पीछे केंद्र से मिली एक रकम थी। कितनी रकम?
क्या कहा अनंत हेगड़े ने?
अनंत हेगड़े कर्नाटक से सांसद हैं। 1 दिसंबर को वो उत्तर कन्नड़ा में थे। यहां एक सभा में बोलते हुए उन्होंने दावा किया कि 40,000 करोड़ रुपये की रकम का ग़लत इस्तेमाल न होने पाए, इसलिए फडणवीस को CM बनाया गया। जबकि BJP जानती थी कि सरकार बनाने के लिए बहुमत नहीं है उसके पास। हेगड़े का दावा है कि अगर ऐसा नहीं किया गया होता, तो शिवसेना के नेतृत्व में बने गठबंधन ‘महा विकास अगाडी’ ने इस फंड का बेजा इस्तेमाल किया होता।
BJP leader Ananth K Hegde in Uttara Kannada yesterday: You all know our man in Maharashtra became CM for 80 hours। Then, Fadnavis resigned। Why did he do this drama? Didn’t we know that we don’t have majority and yet he became CM। This is the question everyone is asking। pic।twitter।com/DsWKV2uJjs
— ANI (@ANI) December 2, 2019
अनंत हेगड़े ने कहा-
आप सब जानते हैं। महाराष्ट्र में हमारा आदमी 80 घंटों के लिए मुख्यमंत्री बना। फिर, फडणवीस ने इस्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने ये ड्रामा क्यों किया? क्या हम नहीं जानते थे कि हमारे पास बहुमत नहीं है? फिर भी वो मुख्यमंत्री है। ये सवाल हर कोई पूछ रहा है।
हेगड़े के मुताबिक, मात्र 15 घंटों में फडणवीस ने ये पैसा ट्रांसफर कर दिया। सारा का सारा फंड केंद्र को वापस कर दिया गया। हेगड़े के शब्द थे-
CM के पास केंद्र की ओर से आए 40 हज़ार करोड़ रुपये का फंड था। उन्हें पता था कि अगर कांग्रेस, NCP और शिवसेवा की सरकार सत्ता में आती है, तो विकास के लिए आए इस फंड का ग़लत इस्तेमाल होगा। इसीलिए ये तय किया गया कि एक ड्रामा होना चाहिए। फडणवीस मुख्यमंत्री बने और उन्होंने वो 40,000 करोड़ रुपये केंद्र को लौटा दिए।
Ananth K Hegde,BJP: A CM has access to around Rs 40,000 Cr from Centre।He knew if Congress-NCP-Shiv Sena govt comes to power it would misuse funds meant for development। So it was decided that there should be a drama।Fadnavis became CM&in 15hrs he moved Rs40,000 Cr back to Centre pic।twitter।com/3SNymN1eMQ
— ANI (@ANI) December 2, 2019
महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर हैं गंभीर सवाल और हेगड़े के लिए ‘ड्रामा’
अनंत हेगड़े जिसे ‘ड्रामा’ रचना बता रहे हैं, वो BJP से ज़्यादा भारतीय लोकतांत्रिक सिस्टम की किरकिरी थी। जिसमें रातोरात इमरजेंसी नियमों का इस्तेमाल करके महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटाया गया। फिर फडणवीस को CM पद की शपथ दिलवाई गई। अजीत पवार उपमुख्यमंत्री बनाए गए। बाद में ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। अदालत ने विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट करवाए जाने का आदेश दिया। विपक्ष के एकजुट होने के दावों के बीच उसके विधायक होटल में इकट्ठा रखे गए। वरना उनकी ख़रीद-फ़रोख़्त होने का अंदेशा था। बहुमत के लिए ज़रूरी संख्या न होने की वजह से पहले अजीत पवार और फिर फडणवीस ने इस्तीफ़ा दिया। फिर विपक्ष ने विधानसभा में अपना बहुमत साबित किया। शिवसेना, NCP (नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी) और कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार बनी। उद्धव ठाकरे CM बनाए गए। इस पूरे एपिसोड पर बेहद गंभीर सवाल उठ रहे हैं। और अनंत हेगड़े इसे ‘ड्रामा’ बताकर गर्व जता रहे हैं।
फंड महाराष्ट्र के लिए था कि BJP सरकार के लिए?
सवाल अनंत हेगड़े और BJP, दोनों से पूछा जाना चाहिए। क्या शिवसेना, कांग्रेस और NCP के पास जनता के दिए वोट नहीं हैं? चुनाव बाद गठबंधन तो BJP ने भी किया था अजीत पवार के साथ। और ये कैसे और कब तय हुआ कि BJP को ही देश के हित की पड़ी है? ये कैसे तय हुआ कि बस BJP सरकार ही सरकारी पैसों का सही इस्तेमाल कर सकती है? बाकी कोई सरकार दुरुपयोग करेगी? और, अगर किसी फंड की बात सच में सही है तो ये पैसा केंद्र ने महाराष्ट्र के लिए दिया था या अपनी पार्टी की सरकार के लिए?
संजय राउत का जवाबी ट्वीट आया है
वैसे शिवसेना के नेता संजय राउत का ट्वीट आया है इसपर। उन्होंने अनंत हेगड़े के बताए घटनाक्रम को महाराष्ट्र की जनता के साथ ग़द्दारी बताया है।
Bjp mp @AnantkumarH says @Dev_Fadanvis as CM for 80 hours, moved maharashtra’s 40000 cr Rs to center ? This is treachery with maharshtra , महाराष्ट्र के साथ गद्दारी है @Officeof UT
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) December 2, 2019
फडणवीस की भी सफाई आई
2 दिसंबर को हेगड़े के बयान पर फडणवीस की सफाई आई। उन्होंने हेगड़े के कहे को खारिज़ किया। कहा कि बतौर मुख्यमंत्री (80 घंटे के अपने दूसरे कार्यकाल में), उन्होंने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया। इस विषय में किए गए दावे ग़लत हैं।
Former Maharashtra CM & BJP leader Devendra Fadnavis: No such major policy decision has been taken by me as CM। All such allegations are false। https://t।co/Zk8vE6oBuW pic।twitter।com/5spH6LPwZ8
— ANI (@ANI) December 2, 2019
अक्सर ऐसा होता है कि नेताओं के ऐसे बयान से पार्टी किनारा कर लेती है। कभी खंडन कर देती है। कभी कह देती है कि ये फलां नेता की अपनी राय है। हालांकि हेगड़े का ये बयान ऐसा नहीं कि निजी राय बताकर अलग किया जा सके। क्योंकि इसमें किया गया दावा भारतीय लोकतांत्रिक सिस्टम की बुनियाद के विरुद्ध जाता है।
स्वाती वाया लल्लसनटॉप