भोपाल में शुरू हुआ कांग्रेस सेवादल का राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर वीर सावरकर पर की गई टिप्पणियों से विवादों में आ गया है।
इस प्रशिक्षण शिविर में बाँटी गई बुकलेट ‘वीर सावरकर, कितने वीर’ में डॉमिनिक लापिए और लैरी कॉलिन्स की किताब ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ के हवाले से दावा किया गया है कि वीर सावरकर के नाथूराम गोडसे के साथ समलैंगिक संबंध थे।
इस बुकलेट में सावरकर के बारे में छपी टिप्पणियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी और शिव सेना के साथ-साथ विनायक सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने सख़्त आपत्ति की है।
रंजीत सावरकर ने इस बारे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाक़ात करने की भी कोशिश की मगर मुख्यमंत्री दफ़्तर पहुँचने के बाद भी मुख्यमंत्री ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया।
उन्होंने कहा, “मैं दिन भर उनसे मुलाक़ात का समय लेने की कोशिश करता रहा पर उनके सचिव ने मेरे संदेशों का जवाब नहीं दिया और ना ही मेरा फ़ोन उठाया। इसके बाद मैं मुख्यमंत्री कार्यालय आ गया। यहाँ मुझे बैठने के लिए कहा गया। मगर 50 मिनट बाद पता चला कि मुख्यमंत्री दफ़्तर से निकल गए। इसके बाद मैं उनके दफ़्तर में एक पत्र छोड़कर लौट आया।”
वहीं, इस किताब में इस बात का भी ज़िक्र है कि सावरकर की सोच गौ-भक्ति को लेकर क्या थी?
कांग्रेस सेवादल का दावा
कांग्रेस सेवा दल के 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत गुरुवार से भोपाल में हुई। वहाँ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के बारे में कुछ जानकारियाँ भी बांटी गई।
इस पुस्तक में लिखा है कि नेताजी बोस ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, देश को स्वतंत्र कराने के लिए विदेशी सहायता सुनिश्चित कर रहे थे और देश के पूर्वात्तर पर एक अन्य हमले की योजना बना रहे थे, तब वीर सावरकर ने अंग्रेज़ों को पूर्ण सैन्य सहयोग की पेशकश की थी।
किताब में ये भी दावा किया गया है कि आरएसएस और भाजपा और उसके दूसरे सहयोगियों की वर्तमान सोच के विपरीत सावरकर ने गाय को कभी भी धार्मिक महत्व नही दिया, बल्कि उसे केवल आर्थिक विकास में उपयोगी माना।
इन किताबों ने विपक्षी भाजपा को कांग्रेस को घेरने का मौक़ा दे दिया। भाजपा ने इन किताबों में पेश तथ्यों पर आपत्ति जताई है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कांग्रेस सेवादल के बुकलेट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सावरकर एक महान व्यक्ति थे। एक तबका उनके ख़िलाफ़ बोलता रहता है। वो चाहे जो भी लोग हों, ये उनके दिमाग़ की गंदगी दिखलाता है।”
भाजपा का जवाब
भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने बीबीसी से कहा, “वीर सावरकर के बारे में महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में उनकी तारीफ लिखी। इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के तौर पर उनका टिकट जारी किया। उन्होंने यह भी लिखा कि वीर सावरकर महान योद्धा थे।”
उन्होंने आगे कहा, “ये महात्मा गांधी और इंदिरा गांधी के विचारों पर चलने वाली कांग्रेस नही है बल्कि ये वामपंथियों के विचारों पर चलने वाली कांग्रेस है। कोई वैचारिक बहस हो तो बात समझ में आती है लेकिन अश्लील, अपमानजनक और आपत्तिजनक टिप्पणियों करना न सिर्फ वीर सावरकर बल्कि सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है।”
शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि वीर सावरकर महान शख़्सियत थे और वे आगे भी महान रहेंगे। एक तबका उनके ख़िलाफ़ बोलता रहता है। ये लोग जो भी हैं, ये उनके दिमाग़ की गंदगी दिखाता है।
कांग्रेस की दलील
वहीं, कांग्रेस इस पूरे मामले का बचाव कर रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा, “इस मामले में कांग्रेस की सोच वही है जो पूरे देश की है। सावरकर की भूमिका के बारे में जो इतिहास में दर्ज है वही हमारा भी कहना है।”
पंकज चतुर्वेदी ने आगे कहा, “भारतीय जनता पार्टी उन्हें भले वीर कहे लेकिन यह सच है कि जब उन्होंने अंग्रेजों से क्षमा याचना की तब कहीं जाकर वो जेल से बाहर आए। सावरकर टू नेशन थ्योरी के सबसे बड़े समर्थक थे।”
वहीं, आपत्तिजनक टिप्पणियों पर कांग्रेस का कहना है कि इस के बारे में सेवादल से बात की जाएगी।
पंकज चतुर्वेदी ने कहा, “इसके के बारे में सेवादल से पूछा जाएगा कि इसका सोर्स क्या है, कहा से उन्होंने ये चीज़े ली है। क्योंकि काग्रेंस की संस्कृति किसी का अपमान करने की नही है और न ही हम किसी के प्रति अपत्तिजनक बातें करें।”
बहरहाल इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के वजह से कांग्रेस और भाजपा प्रदेश में एक बार फिर आमने सामने आ गए है।
शुरैह नियाज़ीभोपाल से, बीबीसी हिंदी के लिए