बिहार भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल के बारे में आप कितना जानते हैं. शायद बहुत जानते हों. लेकिन कुछ ऐसी बातें भी हैं, जो शायद आपको पता ना हो. या फिर आप भूल गए हों. क्या आपको पता है कि भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल का आरजेडी कनेक्शन भी है. वे विशुद्ध भाजपाई नहीं हैं. बीच में बदल भी गए थे. सुनकर चौंक गए ना
हम आपको सब कुछ बताएंगे. बस, अंत तक पढ़िए इस खबर को. बेशक डॉ संजय जायसवाल के पिता डॉक्टर मदन प्रसाद जायसवाल भाजपा के बहुत ही वरिष्ठ नेता थे. भाजपा ने भी उन्हें बहुत मान – सम्मान दिया था. 1996, 1998 और 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में बेतिया से भाजपा के टिकट पर लड़े और जीते.
लेकिन 2004 के लोकसभा चुनाव में ऐसा हुआ कि बेतिया में उनका मुकाबला लालू यादव की पार्टी राजद के प्रत्याशी रघुनाथ झा से हो गया. तो 2004 के इस लोकसभा चुनाव में मदन प्रसाद जायसवाल, जो कि संजय जायसवाल के पिता थे, राजद के रघुनाथ झा के हाथों चुनाव हार गए.
अब 2005 का बिहार विधानसभा चुनाव आया. बिहार में बड़ी लड़ाई थी लालू यादव के जंगल राज के खिलाफ. भाजपा नीतीश कुमार के साथ मिल कर लड़ रही थी विधानसभा चुनाव. मदन जायसवाल, जो कि संजय जायसवाल के पिता थे, वे चाहते थे कि बेतिया विधानसभा क्षेत्र से बेटे संजय जायसवाल को भाजपा टिकट दे. लेकिन भाजपा ने संजय जायसवाल को टिकट नहीं दिया. भाजपा ने टिकट पार्टी की महिला नेता रेणु देवी को दिया. अब इस गुस्से में मदन जायसवाल इतने आगबबूला हुए कि उन्होंने भाजपा ही छोड़ दी.
भाजपा छोड़ने के बाद मदन जायसवाल, लालू यादव की पार्टी राजद में शामिल हो गए. राजद में शामिल होते ही उन्होंने बेतिया विधानसभा क्षेत्र से अपने बेटे संजय जायसवाल के लिए टिकट हासिल कर लिया. तो इस तरह 2005 के फरवरी में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में संजय जायसवाल ने बेतिया से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा. लेकिन, किस्मत उनके साथ नहीं रही. भाजपा ने रेणु देवी को प्रत्याशी बनाया था. चुनाव रेणु देवी ही जीती. राजद के संजय जायसवाल पांचवें स्थान पर चले गए. और उनकी जमानत जब्त हो गई. संजय जायसवाल को मात्र 6979 वोट मिले. दूसरे नंबर पर इस चुनाव में निर्दलीय शमीम अख्तर थे.
साभार – लाइवसीटीज डॉट इन