मिर्जापुर में अदलहाट के पास तीसरे रेलवे लाइन के लिए अधिगृहित भूमि पर बोई फसल को रौंदने के मामले में राजनीति गरमा गई है। इसे लेकर कांग्रेस की महासचिव और पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर हमला किया है। प्रियंका ने घटना का वीडियो ट्वीटर पर शेयर करते हुए लिखा कि मिर्जापुर के किसानों ने मेहनत से अपनी फसल लगाई थी और भाजपा सरकार की पुलिस ने खड़ी फसल रौंद दी। कल मुख्यमंत्री और प्रधानमन्त्री ने किसानों के लिए खूब झूठे ऐलान किए और 24 घंटे भी नहीं बीते कि महिला किसानों के साथ सरकार का व्यवहार देखिए। किसान विरोध भरा है भाजपा के अंदर।
रेलवे ने हावड़ासे नई दिल्ली रेल मार्ग के समानान्तर तीसरी लाइन के निर्माण के लिए वर्ष-2009 में अदलहाट के कुंडाडीह, जादवपुर, गोरखपुर, देवरिया,बरईपुर गांव के किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया था। इन गांवों के किसानों ने काफी दिनों से रेलवे लाइन के निर्माण का कार्य रोक रखा है। किसानों का कहना था कि मुआवजे की धनराशि के साथ ही परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी दी जाए। किसानों ने मुआवजे की राशि ले ली लेकिन नौकरी की मांग को लेकर भूमि पर से कब्जा नहीं हटाया।
मिर्जापुर के किसानों ने मेहनत से अपनी फसल लगाई थी और भाजपा सरकार की पुलिस ने खड़ी फसल रौंद दी।
कल मुख्यमंत्री और प्रधानमन्त्री ने किसानों के लिए खूब झूठे ऐलान किए और 24 घंटे भी नहीं बीते कि महिला किसानों के साथ सरकार का व्यवहार देखिए।
किसान विरोध भरा है भाजपा के अंदर। pic.twitter.com/WFEkWPAjzH
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 2, 2020
इस वर्ष भी किसानों ने अधिग्रहित भूमि पर फसल बोई है। रविवार को एसडीएम चुनार जंग बहादुर यादव व सीओ चुनार कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों के साथ फोर्स लेकर कुण्डाडीह पहुंच गए और कार्य शुरू कराया। जेसीबी से फसल को रौंद कर मिट्टी पाटने का कार्य शुरू करा दिया गया। इसकी जानकारी होते ही सैकड़ों किसान मौके पर पहुंचे और विरोध जताने लगे।
पुलिस ने किसानों पर लाठी भांजी तो महिलाएं खेत में ही लेट गईं। इस पर पुलिस ने महिलाओं को घसीट कर निकालना शुरू किया। करीब घंटे भर के अंदर अधिग्रहित भूमि को खाली करा लिया गया। पुलिस की लाठी से धर्मेद्र सिंह, राजनाथ, सुक्खी, मुन्नी, पत्तिदेवी, बदामी देवी घायल हो गयी। सभी को स्थानीय चिकित्सालय में इलाज के लिए परिजनों ने भर्ती कराया। किसानों के विरोध के बाद भी फसलों को रौंदते हुए बिना नापी कराये कार्यदायी संस्था ने निर्माण कार्य शुरू करा दिया। विरोध को देखते हुए एसडीएम चुनार जंग बहादुर यादव, सीओ चुनार हितेंद्र कृष्ण, अदलहाट, जमालपुर, अहरौरा थाने की पुलिस के साथ ही एक प्लाटून पीएससी व महिला पुलिस मौजूद रही।
उधर पूरे मामले पर किसानों ने आक्रोश जताया। भाकियू के जिलाध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह ने कहा कि प्रशासन ने अन्नदाताओं पर लाठीभांज कर घटिया कार्य किया है। पुलिस ने महिलाओं तक पर बल प्रयोग किया। किसान भूमि की पैमाइश की मांग कर रहे थे। प्रशासन को पैमाइश कराने के बाद ही कब्जा दिलाना चाहिए था।
प्रदेश अध्यक्ष भाकियू राजबीर सिंह जादौन ने कहा कि किसान विकास विरोधी नहीं है,जमीन की नापी कराके निर्माण कार्य प्रारम्भ करना चाहिए था। किसानों पर बल प्रयोग प्रशासन की गुंडागर्दी है। इसको हम बर्दास्त नहीं करेंगे। किसानों की जिस प्रकार खड़ी फसल नुकसान किया गया वह निंदनीय है। इसके खिलाफ जल्द ही फैसला लिया जायेगा।
एसडीएम चुनार का कहना है कि इन किसानों की भूमि का अधिग्रहण वर्ष-2009 में किया गया था। तब सर्किल रेट के अनुसार ही मुआवजे का प्राविधान था। केवल एक समानान्तर लाइन बिछवाने के लिए फसल को रौंदा गया है। अभी दो अन्य लाइन बिछायी जानी है उस भूमि पर बोई गयी फसल को सुरक्षित छोड़ दिया गया है।