मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार संकट में दिख रही है। कांग्रेस का कहना है कि आठ विधायकों को बीजेपी ने जबर्दस्ती गुड़गाँव के एक होटल में रखा है। इन आठ विधायकों में चार कांग्रेस के हैं। इसमें सपा-बसपा के एक-एक विधायक हैं, इसमें अलावा दो निर्दलीय विधायक हैं। इन विधायकों का समर्थन भी कमलाथ सरकार को मिला हुआ है।
मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोट ने टीवी चैनलों से बातचीत में दावा किया है कि उनके चार विधायकों में से एक विधायक और पूर्व मंत्री बिसाहुलाल सिंह ने फ़ोन कर बताया है कि उन्हें गुड़गाँव के आईटीसी मराठा होटल में जबर्दस्ती रखा गया है और बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। तरुण भनोट ने कहा कि मध्य प्रदेश कांग्रेस सरकार के दो मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह उस होटल के पास हैं लेकिन उन्हें अंदर आने नहीं दिया गया।
भनोट ने कहा है,
”हरियाणा में बीजेपी की सरकार है और उसने होटल में पुलिस की तैनाती कर दी है। यहां बीजेपी के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा हैं और वो हमारे दोनों मंत्रियों को होटल के भीतर नहीं आने दे रहे हैं।”
इन विधायकों के गुड़गाँव आने पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि बीजेपी उनके विधायकों को रिश्वत के ज़रिए ख़रीदने की कोशिश कर रही है। दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा ने उनके विधायकों 25 से 35 करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव रखा है।
भाजपा ने मप्र के कॉंग्रेस बसपा समाजवादी विधायकों को दिल्ली लाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। बसपा की विधायक श्रीमती राम बाई को क्या भाजपा के पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह जी कल चार्टर फ़्लाइट में भोपाल से दिल्ली नहीं लाये? शिवराज जी कुछ कहना चाहेंगे?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 3, 2020
पिछले साल मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार पर विधानसभा में हमला बोलते हुए कहा था कि अगर उनकी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से एक इशारा किया गया तो यहां कांग्रेस की सरकार 24 घंटे नहीं टिक सकती है। पिछले साल 24 जुलाई को गोपाल भार्गव ने विधानसभा में कहा था, ”हमारे ऊपर वाले नंबर एक या दो का आदेश हुआ तो 24 घंटे भी आपकी सरकार नहीं चलेगी।”