कल बिहार के उप मुख्यसमंत्री सुशील मोदी ने जेएनयू के मुद्दे पर एक ट्वीट किया और ट्रोल हो गए । असल में सुशील मोदी ने ट्वीट करके लिखा है जेएनयू में फीस वृद्धि कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, जिसके लिये सासंद मार्च निकाला जाए । उन्होजने इसके लिये बकायदा एक पोस्ट़र भी जारी किया और ट्रोल हो गए ।
उनके इस ट्वीट पर एनडीटीवी के रवीश कुमार ने अपने सोशल मीडिया पर यह लिखा है – यह बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का ट्विट है। जे एन यू को लेकर किए गए ट्वीट की यह भाषा बताती है कि युवाओं को भोथरा करने का प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है। जिस बिहार की सारी यूनिवर्सिटी कूड़े के ढेर में बदल चुकी है वहाँ के उप मुख्यमंत्री का एक यूनिवर्सिटी को लेकर ऐसी भाषा में ट्विट आया है।
क़ायदे से वो बता सकते थे कि बिहार में उन्होंने कौन सी ऐसी यूनिवर्सिटी बनाई है जो जे एन यू से बेहतर है। कई यूनिवर्सिटी में आज भी तीन साल का ही ए पाँच साल में हो रहा है। समय पर रिज़ल्ट नहीं आता। सुशील मोदी को पता है कि धर्म और झूठ की अफ़ीम से अब बिहार के नौजवानों की चेतना ख़त्म की जा चुकी है। वहाँ के युवा अपने माँ बाप के सपनों के लाश भर हैं।
जेएनयू में फीस वृद्धि कोई इतना बड़ा मुद्दा नहीं कि इसके लिए संसद मार्च निकाला जाए।
हकीकत यह है कि जो शहरी नक्सली इस कैम्पस में बीफ पार्टी, पब्लिंक किसिंग, महिषासुर महिमामंडन, स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का मानभंजन और देश के टुकड़े-टुकड़े करने के नारे लगाने जैसी गतिविधियों….. pic.twitter.com/IB1ej0oSjm
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) November 19, 2019
आज बिहार के चप्पे चप्पे में अच्छी यूनिवर्सिटी को लेकर जे एन यू से बड़ा आंदोलन हो रहा होता। तभी सुशील मोदी उन्हें जे एन यू के बारे में नफ़रत बाँट रहे हैं। उन्हें पता है लाश में बदल चुके बिहार के युवाओं को सिर्फ़ नफ़रत चाहिए। गोदी मीडिया और व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी ने बिहार की यूनिवर्सिटी को मोर्चुरी में बदल दिया है। वरना सुशील मोदी इस भाषा में ट्वीट नहीं करते। वे बिहार के ज्ञानदेव आहूजा हैं।
जिन्होंने जे एन यू में कॉन्डम फेंके होने का बयान दिया था। हिन्दी प्रदेश एक अभिशप्त प्रदेश है। वहाँ के युवाओं की राजनीतिक चेतना के थर्ड क्लास होने का प्रमाण है सुशील मोदी का यह शानदार ट्विट ।
असली मुद्दा, भिखमंगे नेताओं को टैक्सफ्री वेतन, भत्ते, सब्सिडी, हराम की पेंशन है जो वो जनता की मेहनत के पैसे से पेलते हैं। ऐसे निक्कमें नेताओं को जूतों से मारना चाहिए
— Dinesh Yadav (@dineshyadav1980) November 19, 2019
मैं एक टैक्सपेयर हूं, और मैं नहीं चाहता कि मेरे पैसों से स्टैच्यू बने, कार्पोरेट घरानों को लोन मिले, मंदिर-मस्जिद बने, हरामखोर नेताओं को फ्री यात्रा और मुफ्त की मलाई मिले।?
मेरा पैसा इस देश की सस्ती शिक्षा और अच्छे स्वास्थ्य के लिए इस्तेमाल होना चाहिए। @SpArajesh#StandWithJNU— Anil Yadav (@yadavanil4149) November 20, 2019
भाजपा में में चिन्मयानंद और कुलदीप सेंगर जैसे बलात्कारी पैदा होते हैं, बेशर्म कहीं के
— Gayatri Yadav (@GayatriRJD) November 20, 2019
ज्यादातर नेता झूठे फरेबी मक्कार कमीना चोर मुफ्तखोर होते हैं । जिन्हें jnu का एंट्रेंस टेस्ट पास करने की कूवत हो वही ज्ञान पेलें ।अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में पढ़ाई करवाये।
— Kumar (@tarun1580) November 19, 2019
नेता संसद में फ्री खाए तो ठीक ,सस्ती शिक्षा पर आपत्ति क्यो? जब हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि हम पाँच ट्रिलियन की इकॉनमी बनाने जा रहे हैं ,तो क्या देश में पाँच हजार छात्रों को अच्छी शिक्षा नहीं दी जा सकती? JNU की जहाँ तक बात है तो किसी भी छात्र को खैरात मे कुछ नही दिया जा रहा है।
— SONU KUMAR (@SONUKUM99067792) November 19, 2019
बिहार का दुर्भाग्य है कि आपके जैसा बिहार को उपमुख्यमंत्री मिला। उपमुख्यमंत्री को अपने राज्य के विश्विद्यालय क्या हाल है ।उससे आप बेखबर है बिहार के विश्विद्यालय में प्रोफेसर है या नही
खैर अपने 14 साल के कार्यकाल में बनाए होते तब समझ मे आता ।— Amit kumar ?? (@Amit83455971) November 19, 2019