इमरान ख़ान ने एक ट्विटर पर लिखा था, “मैं मानवाधिकार काउंसिल में शामिल उन 58 देशों की सराहना करता हूं, जिन्होंने 10 सितंबर को कश्मीर में बल प्रयोग को रोकने, प्रतिबंधों को हटाने, कश्मीरियों के अधिकारों की रक्षा करने और संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्तावों के मुताबिक कश्मीर मुद्दे के समाधान की मांग पर भारत के ख़िलाफ़ पाकिस्तान का साथ देकर हमारी मांगों को बल दिया है.”
उनके इस ट्वीट पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने सवाल उठाए.
नई दिल्ली में उनकी प्रेस वार्ता के दौरान इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मैं सबसे पहले आपको यह कहूंगा कि आपको उनसे पूछना चाहिए कि वे जिन देशों की बात कर रहे हैं उसकी लिस्ट आपको दें. हमारे पास ऐसी कोई लिस्ट नहीं है. आपको यह समझना होगा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार काउंसिल में भारत और पाकिस्तान समेत 47 सदस्य देश हैं. पाकिस्तान अपने ही अल्पसंख्यकों की आवाज़ों को ही रौंद रहा है.”
रवीश कुमार ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में हमारे शिष्टमंडल ने भारत का पक्ष रख दिया है. उन्होंने कहा कि भारत ने ‘पाकिस्तान के इस झूठ और तथ्यात्मक रूप से ग़लत बयान’ पर जवाब देने के अधिकार के तहत अपनी प्रतिक्रिया दी है.