लवासा ने चुनाव आयोग के बहुमत वाले उस फैसले से असहमति जताई थी जिसमें पीएम नरेन्द्र मोदी और बीजेपी चीफ अमित शाह को मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन से जुड़ी 5 शिकायतों के मामलें में क्लीन चीट दे दी गई थी ।
केन्द्र ने सरकारी नियंत्रण वाली 11 पीएसयू को लिखा है कि वो अपना रिकॉर्ड खंगाले और यह पता लगाए कि चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने विद्युत मंत्रालय में अपने 2009-13 के कार्यकाल के दौरान अपने ‘प्रभाव का अवांछित’ इस्तेमाल तो नहीं किया । यह गोपनीय चिट्ठी 29 अगस्त को जारी की गई है । इसे पॉवर सेक्रेटरी की रजामंदी से सभी पीएसयू के चीफ विजिलेंस ऑफिसरों को भेजा गया है ।
चिट्ठी में लिखा है, ‘ऐसा आरोप लगाया गया है कि आईएएस श्री अशोक लवासा ने पावर मिनिस्ट्री में सितंबर 2019 से लेकर दिसंबर 2013 तक बतौर जेएस/एडिशनल सेक्रेटरी/स्पेशल सेक्रेटरी अपने कार्यकाल दौरान अपने पद के प्रभाव का अवांछित इस्तेमाल किया और कुछ कंपनियों या सहयोगी कंपनियों को फायदा पहुँचाया । लेटर के साथ पावर मिनिस्ट्री ने 14 कंपनियों की सूची भी दी है, जो पॉवर और रिनुएबल सेक्टर से जुड़ी है । इन कंपनियों में चुनाव आयुक्त की पत्नी नोवल लवासा ने डायरेक्टर के तौर पर सेवाएं दी है ।
चिट्ठी में विभिन्न पीएसयू और राज्य सरकारों द्वारा A2Z समूह की कंपनियों को दिये गए 135 प्रोजेक्ट की भी सूची है । इसमें नोवल लवासा को 45.8 लाख रूपये के भुगतान की भी जानकारियाँ है । एक अन्य सूची भी है, जिसमें उन 13 बड़े प्रोजेक्ट का जिक्र है, जिन्हे विभिन्न राज्य सरकारों ने A2Z वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड को 2009-11 को दिया था । इस समयावधि में अशोक लवासा पावर मिनिस्ट्री में तैनात थे । जिन पीएसयू को यह चिट्ठी मिली है, उनके नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन और पावर फाइनेनस कॉरपोरेशन भी शामिल है ।
इस चिट्ठी के बारे में पूछे जाने पर अशोल लवासा ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, मेरे पास कहने के लिये कुछ भी नहीं है, क्योंकि मुझे ऐसे किसी बात की कोई जानकारी नहीं है । बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान द इंडियन एक्सप्रेस ने खबर दी थी कि लवासा ने आयोग के बहुमत वाले उस फैसले से असहमति जताई थी जिसमें पीएम नरेन्द्र मोदी और बीजेपी चीफ अमित शाह को मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन से जुड़ी 5 शिकायतों के मामलें में क्लीन चीट दे दी गई थी । लवासा वरिस्ठता के मामले में दुसरे नंबर पर है । पहले नंबर पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा हैं । उन्होने बाद में मॉडल ऑफ कंडक्ट के मुद्दे पर बैठकों से दुरी बना ली थी ।
द इंडियन एक्सप्रेस ने सितंबर में यह खबर भी प्रकाशित की थी कि लवासा की पत्नी समेत उनके परिवार के तीन सदस्य इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के जांच के दायरे में है । उन पर आय की घोषणा न करने और आय से अधिक संपति जुटाने का आदेश है ।