राजधानी दिल्ली में आठ फरवरी को होने वाले चुनावों को लेकर सभी पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं. ऐसे में मंगलवार को कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के बीच गठबंधन को लेकर बैठक हो रही है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने भी उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. आरजेडी वहां कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की कोशिश में है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि राजद ने यह फैसला लिया है कि दिल्ली चुनाव पार्टी लड़ेगी इसके लिए पार्टी ने मनोज झा एवं कमरे आलम को दिल्ली का चुनाव प्रभारी बनाया गया है। हम लोगों की कोशिश होगी कि कांग्रेस पार्टी के साथ हमारा एलाइंस हो. हम लोग पहले भी चुनाव लड़े है और जीते थे.
कांग्रेस के साथ हम केंद्र एवं राज्य में एलाइंस है. हम चाहेंगे कि दिल्ली में हम कांग्रेस के साथ रहे लेकिन सही सम्मान मिले तो कांग्रेस के साथ एलाइंस हो सकती है. दिल्ली में बिहार के बहुत सारे लोग रहते हैं जिन जगहों पर हमारा मजबूत पकड़ होगी, उन सीटो पर हम तैयारी करेंगे. मनोज झा बताएंगे कि कांग्रेस के साथ कितने सीटो पर बात हो रही है.
आरजेडी के चुनाव प्रभारी और सांसद मनोज झा ने कांग्रेस से दिल्ली विधानसभा चुनाव में 7 सीटों की मांग की है. गठबंधन को लेकर दोनों पार्टियों के नेताओं में दो दौर की बातचीत हो चुकी है. सूत्रों के अनुसार 3 से 5 सीटों के बीच सहमति बनने की उम्मीद है. अगर सीटों को लेकर कोई सहमति नहीं बनी तो आरजेडी अकेले भी चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रही है.
आरजेडी पूर्वांचल के वोटरों को देखते हुए बुरारी और पूर्वी दिल्ली की सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. 2003 के चुनाव में शोएब इकबाल मटिया महल से आरजेडी उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल कर चुके है. हालांकि शोएब इकबाल अब आम आदमी पार्टी में जा चुके है.
2008 में आसिफ मोहम्मद खान ओखला सीट से आरजेडी की टिकट पर चुनाव जीत चुके है. आरजेडी इसी को आधार मानकर 2020 के चुनावी मैदान में कुदने की तैयारी में है. 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सपोर्ट करते हुए आरजेडी ने दिल्ली विधानसभा में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था.
ज्ञात हो कि जदयू ने भी दिल्ली विधानसभा में अपने 15 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है । जदयू पहले ही कह चुका है कि अकेले चुनाव लड़ेगी । अब देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए के साथ कौन रहता है कौन जाता है । साथ ही साथ इसका बिहार विधानसभा चुनाव पर क्या असर पड़ेगा ।