जलवायु परिवर्तन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूएन में स्पीच से पहले 16 साल की एक ऐक्टिविस्ट ने दुनियाभर के नेताओं को अपनी चिंताओं और सवालों से झकझोर दिया । ग्रेटा थनबर्ग ने यूएन महासचिव के सामने वर्ल्ड लीडर्स से कहा कि आपने हमारे बचपन, हमारे सपनों को छीन लिया । आपकी हिम्मत कैसे हुई ? तो सभी निरूत्तर थे। बच्ची भावुक थी और उसके शब्दों ने सबको झकझोर दिया।
“Right here, right now is where we draw the line। The world is waking up। And change is coming, whether you like it or not।”
My full speech in United Nations General Assembly। #howdareyou https://t।co/eKZXDqTAcP— Greta Thunberg (@GretaThunberg) September 23, 2019
जलवायु परिवर्तन पर आपने हमें छला है
स्वीडन की 16 साल की पर्यावरण ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने संयुक्त राष्ट्र की उच्चस्तरीय क्लाइमेट ऐक्शन समिट के दौरान UN महासचिव गुतारेस सहित दुनिया के बड़े नेताओं के समक्ष जब बोलना शुरू किया तो उन्हें अंदाजा नहीं था कि यह बच्ची अपने सवालों से सबको अनुत्तरित कर देगी। ग्रेटा ने दुनियाभर के बच्चों और आज की युवा पीढ़ी की आवाज को सामने रखते हुए कहा कि युवाओं को समझ में आ रहा है कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर आपने हमें छला है और अगर आपने कुछ नहीं किया तो युवा पीढ़ी आपको माफ नहीं करेगी।
आपने हमारे सपने, बचपन को छीना
ग्रेटा के भाषण को संयुक्त राष्ट्र चीफ ने भी सराहा। आंखों में आंसू और गुस्से में नजर आ रहीं ग्रेटा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘आपने हमारे सपने, हमारा बचपन अपने खोखले शब्दों से छीना। हालांकि, मैं अभी भी भाग्यशाली हूं। लेकिन लोग झेल रहे हैं, मर रहे हैं, पूरा ईको सिस्टम बर्बाद हो रहा है।’
मुझे इस वक्त यहां नहीं बल्कि स्कूल में होना चाहिए। आपने हमारे सपने और बचपन को छीना है। आपकी हिम्मत कैसे हुई? लोग मर रहे हैं। पूरा ईको सिस्टम खत्म हो रहा है। आप केवल पैसे और आर्थिक ग्रोथ की बात कर रहे हैं।”- क्लाइमेट चेंज समिट में 16 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग
विश्व के नेता कुछ नहीं कर रहे हैं
उन्होंने विश्व के नेताओं पर कुछ न करने का आरोप लगाया। अपने संबोधन के दौरान ग्रेटा भावुक हो गईं और कहा, ‘आपने हमें असफल कर दिया। युवा समझते हैं कि आपने हमें छला है। हम युवाओं की आंखें आप लोगों पर हैं और अगर आपने हमें फिर असफल किया तो हम आपको कभी माफ नहीं करेंगे। हम आपको जाने नहीं देंगे। आपको यहां इसी वक्त लाइन खींचनी होगी। दुनिया जग चुकी है और चीजें बदलने वाली हैं, चाहे आपको यह पसंद आए या न आए।’
कौन है ग्रेटा
ग्रेटा थनबर्ग स्वीडिश एनवायरनमेंट एक्टिविस्ट हैं जो जलवायु परिवर्तन को लेकर दुनियाभर में जागरूकता बढ़ाने का काम कर रही हैं। ग्रेटा थनबर्ग राजनेताओं को जलवायु संकट पर कार्रवाई की कमी के लिए जिम्मेदार ठहराती हैं। अगस्त 2018 में 15 साल की उम्र में थनबर्ग ने स्वीडिश संसद के बाहर प्रदर्शन करने के लिए स्कूल से छुट्टी ले ली थी।
उनके हाथ में बोर्ड पर लिखा था ‘stronger climate action’ यानी मजबूत जलवायु एक्शन। जैसे ही और बच्चों को इस बारे में मालूम चला तो वे भी ग्रेटा के साथ जुड़ गए।
ग्रेटा थनबर्ग ने अपने साथियों के साथ मिलकर ‘ Fridays for Future’ के नाम से एक स्कूल जलवायु हड़ताल आंदोलन शुरू कर दिया। ग्रेटा जानती थीं कि अगर जलवायु संकट से बचना है तो शुरुआत घर से ही करनी होगी। ऐसे में उन्होंने सबसे पहले अपने माता- पिता की जीवनशैली में ऐसी चीजों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी, जिसमें कार्बन उत्सर्जन हो रहा था।