इस देश में यह माना जाता है कि मासिक धर्म या पीरियड्स के दौरान लड़कियां और महिलाएं गंदी होती हैं। इसलिए उन्हें घर से बाहर निकाल दिया जाता है। जब पीरियड्स खत्म हो जाते हैं तब उन्हें वापस घर में बुलाया जाता है। इस प्रथा को ‘छौपदी’ कहते हैं।
पीरियड्स के दौरान लड़कियों या महिलाओं को घर के कामकाज करने पर भी पाबंदी होती है। यहां तक पूजा-पाठ, मंदिर आने जाने से लेकर कई अन्य कामों पर भी पाबंदी लगा दी जाती है।
ये मामला है भारत के पड़ोसी देश नेपाल का। यहां सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनवायरनमेंट हेल्थ एंड पॉपुलेशन एक्टीविटीज (CREHPA) पश्चिमी नेपाल में 400 किशोर लड़कियों पर सर्वे किया।
77% लड़कियों के साथ की जाती है ‘छौपदी‘ प्रथा
CREHPA के सर्वे में निकल कर आया कि 400 में से 77% लड़कियों के साथ ‘छौपदी’ प्रथा की जाती है। ये प्रथा सिर्फ गरीब ही नहीं, बल्कि आर्थिक रूप से मजबूत परिवारों में भी की जाती है। (फोटोः रॉयटर्स)
2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर प्रतिबंध लगाया
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ही ‘छौपदी’ प्रथा को आपराधिक मानते हुए इस पर प्रतिबंध लगाया था लेकिन इसके बाद भी नेपाल में इस प्रथा को अब भी माना जा रहा है।
कई लड़कियां मारी भी जा चुकी हैं इस प्रथा में
इस प्रथा की वजह से घर से बाहर गंदी झोपड़ी में रहने वाली कई लड़कियों की विभिन्न कारणों से मौत भी हो चुकी है। अब नेपाल में कई एनजीओ महिलाओं को इसके प्रति जागरुक करने का काम कर रही हैं।