साल 2020 में जो बहुत-सी चीजें बदलने वाली हैं, उनमें से एक है दुनिया की सबसे ऊंची इमारत । जी हां, साल 2020 में दुबई का बुर्ज खलीफा दुनिया की सबसे ऊंची इमारत नहीं रहेगा । अगले साल इसकी जगह लेगा सऊदी अरब का जेद्दा टॉवर। इस टॉवर का निर्माण कार्य 1 अप्रैल 2013 को शुरू हुआ था। जेद्दा टॉवर को किंगडम टॉवर और माइल-हाई टॉवर के नाम से भी जाना जाता है।
पहले इस इमारत को साल 2018 तक बनकर तैयार हो जाना था, जिसे बाद में आगे बढ़ाकर 2019 कर दिया गया। जेद्दा टॉवर की लंबाई एक किलोमीटर यानी लगभग 3300 फुट होगी।
साउदी प्रिंस अलवलीद बिन तलाल उस कंपनी (जेद्दा इकोनॉमिक कंपनी) के अध्यक्ष हैं, जो टॉवर का निर्माण कर रही है।
प्रिंस अलवलीद बिन तलाल ने इस योजना की घोषणा साल 2011 में की थी। पहले लक्ष्य रखा गया था कि योजना शुरू होने के 36 महीनों के भीतर निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा, पर बाद में कई कारणों के चलते ऐसा नहीं हो सका।
जेद्दा टॉवर की नींव के लिए 3 मीटर डायमीटर वाले बेस बनाए गए हैं, जो जमीन में 100 मीटर की गहराई तक धंसे हैं।
जेद्दा टॉवर, बुर्ज खलीफा की तुलना में करीब 600 फीट ऊंचा होगा।
जेद्दा टॉवर में बालकनी, ऊपर तस्वीर में दिखाए गए डिजाइन की तरह बनाई जाएंगी। इससे सूरज से पैदा होने वाली गर्मी से टॉवर को बचाने में मदद मिलेगी।
साल 2014 में जेद्दा टॉवर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पूरे शहर पर इमारत की परछाई के प्रभाव को दर्शाते हुए एक फोटो ट्वीट किया गया था। इस फोटो से इमारत की भव्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
जेद्दा टॉवर का डिजाइन मशहूर वास्तुकार एड्रियन स्मिथ और गॉर्डन गिल ने तैयार किया है। इस लिहाज से भी यह इमारत खास है। बता दें कि बुर्जा खलीफा का डिजाइन भी स्मिथ ने ही तैयार किया था। दुनिया की शीर्ष 11 इमारतों में से चार का डिजाइन इन्होंने ही तैयार किया है। इसमें चीन का जिफांग टॉवर, शिकागो का ट्रम्प इंटरनेशनल होटल टॉवर भी शामिल है।
तेल राजस्व में आई जोरदार कमी का असर भी टॉवर के निर्माण कार्य पर पड़ा। टॉवर को पूरा करने के लिए साल 2015 में जेद्दा इकोनॉमिक कंपनी को अलिन्मा इन्वेस्टमेंट के साथ वित्तीय करार करना पड़ा।
इस टॉवर को मुख्य रूप से एक आवासीय होटल के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। यह टॉवर 2,45,000 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल में फैला होगा, जिसमें कार्यालय के लिए 200 कमरे, चार सीजन होटल, 121 सर्विस अपार्टमेंट्स और 360 आवासीय अपार्टमेंट शामिल होंगे।
किंगडम टावर का डिजाइन त्रिकोणीय इसलिए रखा गया है, ताकि यह हवा के वेग को किसी भी दिशा से झेल सके। इमारत के किनारों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि बहुत कम हिस्सों तक ही सूरज की तेज रोशनी पहुंचे।
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस प्रोजेक्ट के कॉन्ट्रैक्टर सउदी बिन लादेन ग्रुप को साल 2014 में तेल राजस्व में कमी की वजह से भारी नुकसान हुआ था। इस कंपनी की स्थापना 80 वर्ष पहले आतंकी संगठन अलकायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन के पिता ने की थी।