धरती गर्म हो रहा है । मौसम बदल रहा है । अचानक से सर्दी, गर्मी और बाढ़ आ जा रही है । लेकिन इस बार जो बाढ़ आने वाली है । वो भीषण बाढ़ धरती के वजह से नहीं बल्कि चांद के वजह से होगा । नासा के वैज्ञानिकों ने ये दावा किया है । दरअसल 9 साल बाद चांद अपने अक्ष से खिसकने वाला है । दरअसल समुद्री जलस्तर और हाई टाइड का बढ़ना चांद से जुड़ा है। लेकिन वैज्ञानिकों ने अब यह खुलासा किया है कि चांद में हल्की सी लड़खड़ाहट आई तो पूरी दुनिया में भयानक बाढ़ आ जाएगी।
हाई टाइड की वजह से आने वाली बाढ़ को न्यूसेंस फ्लड (Nuisance Floods) कहते हैं। ऐसे समय में समुद्र की लहरें अपनी औसत ऊंचाई से 2 फीट ज्यादा ऊंची उठती हैं। स्टॉर्म ड्रेन में पानी भर जाता है। शहरों में पानी भरने लगता है। जैसे कि मॉनसून में मुंबई की हालत खराब हो जाती है। इसकी वजह से शहर में हालत अस्त-व्यस्त हो जाती है। जितने दिन ये पानी रुकता है शहर में उतने दिन तबाही जारी रहती है।
नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के मुताबिक अमेरिका में हाई टाइड की वजह से साल 2019 में 600 बाढ़ आई। लेकिन अब NASA की एक नई स्टडी के मुताबिक साल 2030 तक अमेरिका समेत दुनिया भर में कई जगहों पर न्यूसेंस फ्लड (Nuisance Floods) की मात्रा बढ़ जाएगी। हाई टाइड के समय आने वाली लहरों की ऊंचाई करीब 3 से 4 गुना ज्यादा हो जाएगी।
नासा की यह स्टडी पिछले महीने नेचर क्लाइमेट चेंज में प्रकाशित हुई है। लेकिन NASA ने अब यह चेतावनी दी है कि न्यूसेंस फ्लड (Nuisance Floods) साल 2030 तक बहुत ज्यादा बढ़ जाएंगे। ये साल में एक या दो बार नहीं आएंगे। ये फिर हर महीने आएंगे। क्योंकि जब भी चांद की ऑर्बिट में हल्का-फुल्का भी बदलाव आएगा तो ये बाढ़ ज्यादा नुकसानदेह हो जाएगी। तटीय इलाकों में यह बाढ़ हर महीने दो-तीन बार आएगी।
जैसे-जैसे चांद की स्थिति बदलती जाएंगी वैसे-वैसे तटीय इलाकों पर आने वाले न्यूसेंस फ्लड (Nuisance Floods) वहां रहने वालों के समुदाय के लिए खतरनाक होगी। इससे बचने के लिए दुनिया भर की सरकारों को योजनाएं बनानी होंगी। यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के असिसटेंट प्रोफेसर फिल थॉम्पसन ने एक बयान में कहा कि यह लंबे समय तक बदल रहे जलवायु परिवर्तन की वजह से होगा। क्योंकि इसकी वजह से ही धरती पर दिक्कत आएगी।