पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित किया। अपने भाषण में इमरान खान कश्मीर का राग अलापते रहे। अपने संबोधन में यूएन को उसकी जिम्मेदारी की याद दिलाने वाले इमरान ने संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन भी किया। इमरान खान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महासभा को संबोधित किया, लेकिन उन्होंने नियमों का पालन करते हुए 17 मिनट में अपना भाषण समाप्त कर दिया।
पीएम मोदी के ठीक उलट इमरान ने 50 मिनट का भाषण दिया जो सीधे तौर पर यूएन के नियम का उल्लंघन है। इमरान जिस वक्त भाषण दे रहे थे उस दौरान माइक के साथ मौजूद रेड लाइट लगातार जल रही थी, लेकिन इसके बाद भी इमरान नहीं रुके।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में सभी नेताओं को अपनी बात रखने के लिए 15 मिनट का समय दिया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका पालन किया, वहीं पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने समय सीमा को ताक पर रखकर करीब 50 मिनट तक भाषण दिया।
पीएम मोदी और इमरान के भाषण में दिखा अंतर
एक ओर जहां इमरान खान अपने भाषण में कश्मीर का राग अलापते रहे तो वहीं पीएम मोदी ने अपने संबोधन में एक बार भी कश्मीर और पाकिस्तान का जिक्र नहीं किया। पीएम मोदी का जोर विकास, जन कल्याण जैसे मुद्दों पर था, लेकिन उन्होंने अपने भाषण में पाकिस्तान को कड़ा संदेश जरूर दिया।
उन्होंने अपने भाषण में 5 बार आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिया है। इसलिए आतंकवाद के खिलाफ भारत में आक्रोश दिखता है। वहीं इमरान खान ने कश्मीर में खून-खराबे की गीदड़भभकी दी। इमरान ने कहा कि भारत को कश्मीर से कर्फ्यू हटाना ही चाहिए। साथ ही इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र को उसकी जिम्मेदारी की भी याद दिलाई। उन्होंने यूएन को बताया कि क्यों उसका गठन हुआ था।
यूएनजीए में अपने भाषण के दौरान इमरान खान ने सबसे ज्यादा बार इस्लाम-इस्लामोफोबिया शब्द का किया इस्तेमाल
संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 71 बार मुस्लिम, इस्लाम और इस्लामोफोबिया का जिक्र किया, जबकि 28 बार आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया। इमरान खान के भाषण में पाकिस्तान और कश्मीर शब्द 25 बार आए, जबकि भारत शब्द का इस्तेमाल 17 बार हुआ। इसके अलावा इमरान खान ने 14 बार मनी, 11 बार 9/11 हमला, 12 बार मोदी, 12 बार आरएसएस, 8 बार यूएन, 6 बार अफगानिस्तान, 6 बार हिंदू, 6 बार अल्पसंख्यक, 10 बार मानवाधिकार, 6 बार वाटर और ग्लेशियर, 5 बार कर्फ्यू, 5 बार खूनखराबा, 2 बार शांति, 3 बार युद्ध, 2 बार परमाणु बम, 2 बार बलोचिस्तान, दो बार पुलवामा, एक बार रोहिंग्या मुस्लिम, एक बार अभिनंदन, एक बार बालाकोट, एक बार कुलभूषण जाधव समेत अन्य शब्दों का इस्तेमाल किया।
इमरान खान ने फिर दिखाई परमाणु बम की गीदड़ भभकी
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर से परमाणु बम की धमकी दी। उन्होंने कहा कि अगर दो पड़ोसी देशों के बीच परमाणु युद्ध छिड़ता है, तो इसका असर दुनियाभर में होगा।
यूएन को इमरान की धमकी- याद करो किसलिए बने थे
इमरान खान ने कहा कि मुस्लिमों के साथ अन्याय हो रहा है, जिसके चलते वो हथियार उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस्लाम के नाम पर युवक हथियार नहीं उठा रहे हैं, बल्कि अन्याय के खिलाफ लड़ाई के लिए हथियार उठा रहे हैं। इस दौरान इमरान ने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र को याद करना चाहिए कि उसका गठन क्यों हुआ था?
कश्मीर पर इमरान खान के बिगड़े बोल
संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में अपने संबोधन के दौरान इमरान खान ने कश्मीर राग अलापा। अनुच्छेद 370 से हटाए जाने से बौखलाए इमरान खान ने कहा कि कश्मीर में कर्फ्यू हटते ही खूनखराबा होगा।
इमरान ने अलावा कश्मीर राग और आरएसएस पर साधा निशाना
इमरान खान ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ जमकर बयानबाजी की। इस दौरान इमरान खान ने कश्मीर राग अलापा। साथ ही आरएसएस को भी निशाने पर लिया।
अंतरराष्ट्रीय संगठन मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ सख्त होः इमरान
यूएन में इमरान ने कहा कि विकसित देश और अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्थाएं मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ सख्त हों, ताकि गरीब देशों के नागरिकों पर खर्च होने वाला पैसा टैक्स हैवन देशों में न जाएं। यूएन में इमरान ने कहा कि सबसे ज्यादा फिदायीन हमले तमिल टाइगर्स ने किए, वो हिंदू थे, लेकिन हिंदुओं को कोई दोष नहीं देता।
9/11 आतंकी हमले में नहीं शामिल थे पाकिस्तानः इमरान खान
यूएन में इमरान खान ने कहा कि 9/11 में कोई भी पाकिस्तानी शामिल नहीं था, लेकिन अफगानिस्तान युद्ध में हजारों पाकिस्तानी उसके शिकार हुए। उन्होंने कहा कि तालिबान और अलकायदा पाकिस्तान मेें नहीं हैं, बल्कि अफगानिस्तान में हैं। इमरान खान ने कहा कि सबसे ज्यादा फिदायीन हमले तमिल टाइगर्स ने किए, वो हिंदू थे, लेकिन हिंदुओं को कोई दोष नहीं देता है। उन्होंने कहा कि इस्लामोफोबिया के चलते मुस्लिम दुखी हैं। उन्होंने कहा कि 9/11 आतंकी हमले के बाद पश्चिमी देशों के नेेताओं ने इस्लामोफोबिया को बढ़ावा दिया।
इमरान खान बोले- आतंकवाद का किसी धर्म से कोई नाता नहीं
संयुक्त राष्ट्र में इमरान खान ने कहा कि आतंकवाद का किसी धर्म से कोई नाता नहीं है। लेकिन मुस्लिम जब दूसरे देशों में जाते हैं तो उन पर शक किया जाता है।
हिजाब पहने भर से शक की निगाह से देख रही दुनियाः इमरान
संयुक्त राष्ट महासभा में इमरान ने कहा कि जब तक टैक्स हैवन देशों को मंजूरी दी जाती रहेगी, तब तक विकासशील देशों का पैसा वहां खपाया जाता रहेगा। इमरान ने कहा कि 9/11 के बाद पूरी दुनिया में इस्लामोफोबिया का ऐसा असर है कि हिजाब पहने भर से ही शक की निगाह से देखा जाने लगता है। हिजाब को भी हथियार मान लिया गया है।
9/11 के बाद इस्लाम को बनाया जाने लगा निशानाः इमरान खान
इमरान खान ने कहा कि 9/11 के आत्मघाती हमले के बाद इस्लाम को निशाना बनाया जाने लगा।
इस्लामोफोबिया ने हिजाब को भी हथियार बना दिया
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि इस्लामोफोबिया ने हिजाब को भी हथियार बना दिया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि गरीब देशों में भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा है।
इमरान खान बोले- जलवायु परिवर्तन से बहुत प्रभावित है पाकिस्तान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा प्रभावित दुनिया के 10 देशों में पाकिस्तान भी शामिल हैं। दुनिया के नेताओं ने भी गंभीरता नहीं दिखाई। इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान कृषि प्रधान देश है। पाकिस्तान में 80 फीसदी पानी ग्लेशियर से आता है। उन्होंने कहा कि इस पर जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र को नेतृत्व करना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से पीएम मोदी ने आतंक पर बोला हमला
पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र को संबोधित करते हुए आतंकवाद पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिया है। इसलिए आतंकवाद के खिलाफ भारत में आक्रोश दिखता है। उन्होंने कहा कि आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया यूएन के सिद्धांतो के खिलाफ है।
पाकिस्तान का भारत नहीं करेगा जिक्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार भी पाकिस्तान के नाम का जिक्र नहीं किया। भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह वैश्विक मंच पर बोलने के लिए आवंटित समय के दौरान कश्मीर का उल्लेख नहीं करेगा क्योंकि अनुच्छेद 370 को रद्द करना पूरी तरह से भारत का ‘आंतरिक मुद्दा’ था। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि भले ही पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे को उठाकर अपने कद को कम करे लेकिन कश्मीर मुद्दे को न उठाकर भारत अपने ऊंचे होने का प्रमाण देगा।
वैश्विक मंच की पीएम-मोदी इमरान पर निगाहें
संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच पर आज दुनियाभर के सभी देशों की निगाहें होंगी, जहां एक ओर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व मंच पर देश की बड़ी भूमिका को रेखांकित करते हुए यह बताएंगे कि विकास, शांति और सुरक्षा के लिए भारत क्या कदम उठा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान केवल कश्मीर के मुद्दे पर अपनी बात रखेंगे।