इस दीपावली पर पाकिस्तान में 72 साल बाद शिवाला तेजा मंदिर भक्तों के लिए खोला गया है। सियालकाेट में एक हजार साल पुराना यह मंदिर भारत-पाक बंटवारे के समय से ही बंद पड़ा था। 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद पाकिस्तान के कट्टरपंथियों ने इस मंदिर पर हमला किया था, जिसमें काफी नुकसान पहुंचा था।
अब पाकिस्तान सरकार ने 50 लाख रुपए में जीर्णोद्धार कर इसे यहां के हिंदुओ को सौंप दिया। जीर्णोद्धार 2 महीने चला, जिससे मंदिर मूल स्वरूप में अा गया है। इसी के साथ मंिदर में अब फिर शंखध्वनि गूंजने लगी है। औकाफ ट्रस्ट संपत्ति बाेर्ड के एडिशनल सेक्रेटरी फराज अब्बास ने हिंदू रीति-रिवाज से नारियल फोड़कर मंदिर का उद्घाटन किया।
खास बात यह है कि बंटवारे के बाद पहला मौका है, जब पाकिस्तान में किसी हिंदू मंदिर पर हिंदी में शिलालेख लगाया गया है। मंदिर में शिव पिंडी, नंदी बैल स्थापित किए गए हैं। स्थानीय हिंदू नेता रतन लाल ने कहा कि मंदिर का संरक्षण किए जाने की सख्त जरूरत थी। समुदाय काफी समय से इसे खोलने की मांग कर रहा था।
इसी साल कराए गए ऑ-पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट के सर्वे में पता चला था िक बंटवारे के समय वहां 428 मंदिर थे, लेकिन 1990 के बाद 408 मंदिरों में खिलोनें की दुकानें, रेस्तरां, सरकारी दफ्तर और मदरसे खुल गए। अब पाकिस्तान सरकार ने 400 मंदिरों का जीर्णोद्धार कर हिंदुओं को सौंपने की योजना बनाई है। इसकी प्रक्रिया िशवाला तेजा मंदिर से शुरू की गई है। पाकिस्तान सरकार के ताजा सर्वे के मुताबिक वर्ष 2019 में सिंध में 11, पंजाब में 4, बलूचिस्तान में 3 और खैबर पखतूनख्वाह में 2 मंदिर चालू स्थिति में हैं।
ऐसा है मंदिर शिवाला तेजा सिंह मंदिर के वास्तुशिल्प से अनुमान लगाया जाता है कि यह मंदिर लगभग 1000 साल पहले चोल राजाओं ने बनवाया होगा।