पाकिस्तान (Pakistan) के इस्लामाबाद (Islamabad) में इमरान सरकार ने पहले हिंदू मंदिर (Hindu Temple) को लेकर 200 करोड़ रूपये देने की बात की थी । इसको लेकर जहॉं हिन्दूओं में खुशी का माहौल था वहीं मुस्लिम क’ट्टरपंथी इस बात से ना’राज चल रहे थे । मंदिर निर्माण का काम जैसे ही शुरू हुआ वहां क’ट्टरपंथी लोग उछलने लगे । साथ ही साथ खुलेआम ध’मकी भी देने लगे । अब पाकिस्तान के एक धार्मिक सभा के कुछ क’ट्टरपंथी मौलानाओं ने कृष्ण मंदिर बनाने पर हिं’सा की ध’मकी दे दी है। पाकिस्तान के आलोचक और लेखक तारिक फतेह ने ऐसे ही एक मौलाना का ट्वीट कर दावा किया है कि मंदिर बनाने पर खुलेआम सिर का’टने की ध’मकी दी गई है।
This is the level of intolerance towards non-muslims in my country. Everyone is opposing temple Islamabad. Boundry wall of Temple is already demolished & Azan has been on temple site.https://t.co/1VTDJh6BK2 pic.twitter.com/VwMIurpoRt
— Mukesh Meghwar (@Mukesh_Meghwar) July 6, 2020
गौरतबल है कि क’ट्टरपंथियों के वि’रोध के आगे इमरान सरकार ने कृष्ण मंदिर बनाने का फैसला पहले ही वापस ले लिया है। तारेक ने जो वीडियो ट्वीट किया है उसमें दिखाई दे रहा है कि मौलाना एक धार्मिक सभा में ध’मकी दे रहे हैं कि जो लोग इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर का समर्थन कर रहे हैं, उनके सिर क’लम कर दिया जाएगा। वह भीड़ से कहते हैं, ‘तुम्हारे सिर मंदिर में चढ़ा दिए जाएंगे और कुत्तों को खिला दिए जाएंगे।’ कट्टरपंथी मौलाना आगे कहता है, ‘मस्जिदें चंदों से बन रही हैं और मंदिर पाकिस्तान के खजाने से पैसे निकालकर बनाए जा रहे हैं। अगर तुम मंदिर बनाओगे तो पाकिस्तान, गैरतमंद कौम तुम्हारी गर्दनें का’टकर मंदिर के सामने फिरने वाले कुत्तों को डाल देंगे।’
दीवार गिरा दी और जब’रदस्ती अजान दी
इससे पहले कृष्ण मंदिर के निर्माण पर रोक लगने के बावजूद अब क’ट्टरपंथियों ने मंदिर की जमीन पर जबरन अजान दी है। एक मौलाना के नेतृत्व में कुछ लोगों ने मंदिर के लिए रखी गई नींव और दीवार को भी गिरा दिया था। इमरान सरकार ने दो दिन पहले ही मुस्लिम क’ट्टरपंथियों के फतवे के आगे घु’टने टेकते हुए मंदिर के निर्माण पर रोक लगा दी थी।
Pakistani Mullah while addresses his congregation threatens to behead those supporting a Hindu Temple in Islamabad.
”Your heads will be laid at the Temple and fed to the fogs, ” he yells as the congregation of the faithful applauds.
How does one country produce … https://t.co/aWOpU5TZz4
— Tarek Fatah (@TarekFatah) July 6, 2020
इस मंदिर का निर्माण पाकिस्तान के कैपिटल डिवेलपमेंट अथॉरिटी कर रही थी। पाकिस्तान सरकार ने अब मंदिर के संबंध में इस्लामिक ऑइडियॉलजी काउंसिल से सलाह लेने का फैसला किया है। मजहबी शिक्षा देने वाले संस्थान जामिया अशर्फिया ने मुफ्ती जियाउद्दीन ने कहा कि गैर मुस्लिमों के लिए मंदिर या अन्य धार्मिक स्थल बनाने के लिए सरकारी धन खर्च नहीं किया जा सकता।
काफी वक़्त से चली आ रही थी मांग
इस्लामाबाद में इस कृष्ण के इस मंदिर की मांग हिंदू अल्पसंख्यक सालों से कर रहे थे। ये मंदिर इस्लामाबाद के H-9 इलाके में 20 हजार वर्गफुट के इलाके में बनाया जा रहा था। पाकिस्तान के मानवाधिकारों के संसदीय सचिव लाल चंद्र माल्ही ने इस मंदिर की आधारशिला रखी थी।
इस दौरान मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए माल्ही ने बताया कि वर्ष 1947 से पहले इस्लामाबाद और उससे सटे हुए इलाकों में कई हिंदू मंदिर थे। इस मंदिर के खिलाफ हाई कोर्ट में एक वकील ने भी याचिका दी थी जिस पर कोर्ट ने कहा था कि सरकार को अल्पसंख्यकों के अधिकारों का भी ख्याल रखना चाहिए।