राष्ट्रपति पदक से सम्मानित डीएसपी देविन्दर सिंह को शनिवार को दक्षिण कश्मीर में एक कार में दो ‘वांछित आतंकियों’ के साथ गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद उन्होंने पूछताछ में बताया कि उन्हें आ’तंकियों को जम्मू और उसके बाद चंडीगढ़ पहुंचाने के लिए 12 लाख रुपये दिए थे। इसके बाद आ’तंकियों की योजना दिल्ली जाने की थी। यह जानकारी आईजी (कश्मीर) विजय कुमार ने मीडिया को सोमवार को दी।
खुफिया सूत्रों ने कहा कि आ’तंकवादियों ने गणतंत्र दिवस पर ह’मले करने की योजना बनाई थी। बता दें कि गिरफ्तारी के वक्त देविन्दर की तैनाती श्रीनगर हवाई अड्डे पर जम्मू-कश्मीर पुलिस की सुरक्षा और एंटी-हाईजैकिंग यूनिट में थी। सोमवार को डीएसपी को निलंबित कर दिया गया और आ’तंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मिले राष्ट्रपति सम्मान सहित उनके सभी अवार्ड वापस लिए जाने की संभावना है।
इस बीच सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय इस मामले को एनआईए को सौंप सकती है ताकि आ’तंकियों के मंसूबों और देविन्दर के आंत’क कनेक्शन का पता लगाया जा सके। साथ ही यह भी पता लग सके कि क्या देविन्दर ने पहले भी आ’तंकियों की मदद की है या नहीं। देविन्दर के साथ गिरफ्तार किए गए दो हिज्बु’ल आतं’कवादी दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के नाजनीपोरा के रहने वाले नावेद बाबू उर्फ बाबर आजम और उसके सहयोगी रफी अहमद राथर है।
देवेंद्र सिंह कई हफ्तों से पुलिस के रडार पर थे। शोपियां के एसपी संदीप चौधरी देवेंद्र सिंह से जुड़े संदि’ग्ध कॉल को रिकॉर्ड करने वाले पहले अधिकारी थे। उन्होंने तुरंत अपने सीनियर अधिकारियों को इसकी सूचना दी। देवेंद्र सिंह आ’तंकी नवीद बाबू को श्रीनगर लाने कुछ दिन पहले शोपियां गया हुआ था। डीएसपी देवेंद्र सिंह अब नवीद बाबू और रफी को जम्मू भागने में मदद कर रहा था। खुफि’या सूत्रों ने बताया, “असली मकसद नवीद बाबू और उसके सहयोगी को कश्मीर से बाहर ले जाना और फिर पाकिस्तान भागने में मदद करना था।”
देवेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने श्रीनगर के इंदिरा नगर स्थित उसके घर की तलाशी ली तो यहां हथियारों का जखीरा मिला। पुलिस ने यहां से 5 ग्रेनेड, 3 एके-47 राइफल बरामद किए हैं। सूत्र बताते हैं कि इस बात की आशंका है कि देवेंद्र सिंह ने पहले भी आ’तंकियों की मदद की है। अब पुलिस अधिकारी एयरपोर्ट पर सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं।
बांग्लादेश में डॉक्टरी पढ़ रही हैं बेटियां
रिटायरमेंट के करीब पहुंच चुका देवेंद्र सिंह की उम्र इस वक्त 57 साल की है। उसकी एक संपत्ति श्रीनगर में दूसरी जम्मू में हैं। इसका परिवार त्राल में रहता है और यहां उसका सेब का बगान है। देवेंद्र के माता-पिता दिल्ली में उसके भाई के पास रहते हैं। देवेंद्र सिंह की पत्नी शिक्षक है और इसके तीन बच्चे हैं। दो बेटियां बांग्लादेश में डॉक्टरी पढ़ रही हैं, जबकि बेटा स्कूल जाता है।