हम लोग थाली पिटने वाले भीड़ का हिस्सा है।इस भिड़ से इत्तर भी मानवता को बचाने के लिए किया जा रहा है। फार्मास्यूटिकल कंपनी CIPLA के मालिक हैं यूसुफ हमीद। जिन्होंने CSIR-IICT के साथ मिलकर COVID-19 की टेस्टिंग किट बग़ैर मुनाफ़े के मुल्क़ को देने का फ़ैसला किया है। जिसका उत्पादन लगभग शुरू हो चुका है। द हिन्दू अख़बार ने 18-03-2020 को इस खबर को प्रकाशित किया था, लेकिन भारत की गोदी मीडिया घंटी, घंटा, थाली, ताली, परात के इवेंट मैनेजमेंट को प्रोमोट करने में लगी थी।
फार्मास्युटिकल कंपनी सिप्ला ने सीएसआईआर-आईआईसीटी के साथ मिलकर कोविद -19 के इलाज के लिए एंटी-वायरल गुणों वाले तीन होनहार रासायनिक यौगिकों का निर्माण करने के लिए आगे आई है। इसने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी से सक्रिय फार्मा अवयवों (एपीआई) को बनाने के लिए मदद मांगी है।
आईआईसीटी के निदेशक एस चंद्रशेखर, और प्रमुख वैज्ञानिक प्रथम एस मेनकर ने कहा कि सिप्ला के अध्यक्ष वाई के हामिद ने रासायनिक यौगिक – फ़ेविपिरवीर, रेमेडिसविर और बालोकाविर तैयार करने के संबंध में उनसे संपर्क किया था।
यह फार्मा प्रमुख को परीक्षणों के अगले चरण को शुरू करने में सक्षम करेगा, नियामक प्राधिकारी अनुमोदन और बाद में बड़े पैमाने पर एंटी-वायरल दवाओं का उत्पादन करेगा। चंद्रशेखर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कई एंटी-वायरल दवाओं की खोज की गई थी, लेकिन मांग में कमी के कारण नैदानिक ट्रेल्स के बाद रोक दिया गया था।
लेकिन इस बीच एक भारतीय दवा कंपनी ने छह महीने के अंदर कोरोना वायरस का इलाज ढूंढ लेने का दावा किया है। खासकर सांस और फ्लू जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दवाएं बनाने वाली दिग्गज कंपनी सिप्ला(Cipla) के मालिक यूसुफ हमीद ने यह दावा किया है।
दुनिया भर के लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले चुके कोरोना वायरस का अबतक इलाज नहीं ढूंढा जा सका है। कोरोना जांच के लिए जहां भारत समेत दुनिया की कई कंपनियों ने बेहद कम कीमत में कुछ घंटों में रिजल्ट देने वाली जांच किट तैयार करने का दावा किया है तो वहीं दूसरी ओर भारतीय फार्मा कंपनी सिप्ला के दावे ने उम्मीद जगा दी है।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में इस बारे में बताया है। रिपोर्ट के मुताबिक दवा कंपनी सिप्ला का दावा है कि वह महज 6 महीने के अंदर कोरोना वायरस का इलाज ढूंढ सकती है। सिप्ला कंपनी अगर कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने में सफल होती है तो वह ऐसा करने वाली दुनिया की पहली भारतीय कंपनी होगी और यह देश के लिए भी बड़ी कामयाबी होगी। रिपोर्ट में बताया गया है कि फिलहाल यह कंपनी सरकारी लैब के साथ मिलकर कोरोना वायरस की दवा विकसित करने में जुटी हुई है।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में सिप्ला कंपनी के प्रमोटर यूसुफ हामिद ने कहा कि हम अपने सभी संसाधनों को देश के फायदे के लिए लगाना राष्ट्रीय कर्तव्य मान रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी ने इन दवाओं का दोगुना उत्पादन कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि अगर भारतीय चिकित्सा फैटरनिटी निर्णय करता है तो कंपनी के पास और भी दवाएं हैं, जिसका इस्तेमाल फेफड़ों से जुड़ी गंभीर समस्याओं के इलाज में किया जा सकता है।