चीन का वुहान शहर। जहां से कोरोना वायरस इंफेक्शन यानी COVID-19 शुरू हुआ। वहां के शोधकर्ताओं की एक स्टडी सामने आई है। जिसमें ये दावा किया गया है कि COVID 19 के लक्षणों में से एक डायरिया भी हो सकता है।
क्या है ये स्टडी?
जिन लोगों में बीमारी के हलके लक्षण दिखाई दिए, उन लोगों पर टेस्ट किए गए। इन लोगों को सांस लेने में तकलीफ या दूसरे लक्षण नहीं थे, लेकिन पेट संबंधी दिक्कतें थीं। इन लोगों के मल की जांच करने पर COVID-19 की पुष्टि हुई। ये स्टडी The American Journal of Gastroenterology में छपी है। और जिन लोगों पर रिसर्च की गई, वो वुहान के तौंग्जी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए थे।
इस स्टडी में क्या निकल कर सामने आया?
- जिन लोगों को दूसरे लक्षण नहीं थे कोरोना वायरस के, वो लोग भी कोरोना पॉजिटिव निकले। यानी उन्हें सांस लेने में दिक्कत, खांसी नहीं थी।
- इन लोगों को पेट से जुड़ी दिक्कतें जैसे अपच और डायरिया था। इसके साथ हल्का बुखार भी आधे से अधिक लोगों में पाया गया।
- जिन लोगों को डायरिया था, उन लोगों की COVID 19 की जांच देर से हुई। उनका वायरस खत्म होने में भी ज्यादा समय लगा, बनिस्बत उन लोगों के जिनको सांस की दिक्कत थी।
क्यों की गई ऐसी स्टडी?
पब्लिश किए हुए रिसर्च पेपर के अनुसार, अभी तक COVID 19 पर जितनी भी रिसर्च हुई है या जितना भी लिखा गया है, वो बेहद क्रिटिकल स्टेज में पहुंच चुके लोगों पर लिखा गया है। लेकिन तकरीबन 80 फीसद इंफेक्टेड लोग ऐसे हैं जिनकी तबीयत हल्की खराब हुई। जो ऐसे लोग हैं, उनके लक्षणों पर भी ध्यान देना ज़रूरी है ताकि ये लोग खुद को आसानी से क्वारंटीन कर सकें। इनके लक्षण इतने सीरियस नहीं हैं कि उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाए। अभी तक सांस की दिक्कतों पर ही टेस्टिंग की जा रही है। इस वजह से ऐसा हो सकता है कि पेट की दिक्कतों वाले कई इन्फेक्टेड लोग टेस्टिंग से छूट गए हों।
इस स्टडी में 206 लोग शामिल किए गए थे। इससे पहले छप चुकी एक स्टडी में ये बताया गया था कि वुहान के तीन अस्पतालों में एडमिट हुए COVID-19 पेशेंट्स में से कम से कम आधे लोगों ने पेट की दिक्कत की भी शिकायत की थी। इसमें डायरिया, उल्टी, पेट में दर्द शामिल हैं। लेकिन ये स्टडी भी गंभीर रूप से बीमार लोगों पर फोकस करके की गई थी।
तो क्या अगर लूज मोशन हों तो डरने की ज़रूरत है?
जिन लोगों में पेट से जुड़ी दिक्कतों के लक्षण थे, उनके कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की आशंका भी अधिक थी, ये इस रिसर्च में सामने आया है। इससे इस बात को बल मिलता है कि COVID-19 का वायरस पाचन तंत्र को भी प्रभावित करता है। रिसर्चर्स का ये मानना है कि अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए हैं जो संक्रमित हो सकता है। और उसके बाद आपको पेट की दिक्कतें होनी शुरू होती हैं, तो आपको जांच करवा लेनी चाहिए। भले ही आपको खांसी, सांस लेने में तकलीफ, बुखार, या गला खराब होने जैसे लक्षण ना भी हों, तो भी। COVID 19 की टेस्टिंग सिर्फ सांस लेने वाले रास्ते की जांच करके ही नहीं, बल्कि मल के सैम्पल्स की जांच करके भी की जानी चाहिए। उनका ये भी कहना है कि ये स्टडी अभी काफी छोटी है। COVID 19 और पेट की दिक्कतों से जुड़े लक्षणों को बेहतर तरीके से समझने के लिए बड़ी और गहरी रिसर्च की ज़रूरत है।
इनपुट – दल्लनटॉप