उत्तर प्रदेश के स्कूल में एक तथाकथित टीचर का मामला आया था । नाम था अनामिका शुल्का । यूपी सरकार की बड़ी फजीहत हुई । जब छीछालेदर हो गया तो सरकार जागी और स्कूल से लेकर मदरसों तक के शिक्षकों के कागज की जांच शुरू हो गई । जब जांच शुरू हुई तो योगी जी के ऑफिस से आदेश आया कि सभी मदरसों और मकतबों के मौलवियों के पेपर की जांच भी कड़ाई से हो ताकि फर्जीवाड़े का अंदेशा न रहे ।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक जेपी सिंह ने मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार आरपी सिंह को पत्र लिखकर प्रदेश के 558 मदरसों की जाँच के लिए कार्ययोजना बनाकर शासन को उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं।
कुल मिलाकर भ्रष्टाचार से लड़ने की अपनी मुहिम के तहत अब योगी सरकार ने ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई का मन बनाया है जिनके तार फर्जीवाड़ा गैंग से जुड़े हैं। वहीं, योगी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रज़ा ने बताया है कि उत्तर प्रदेश के मदरसों में हुई नियुक्तियों की भी जाँच होगी।
उन्होंने कहा कि राज्य के मदरसों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने वाले लोगों के खिलाफ कार्य योजना बनाकर रिपोर्ट भेजी जाएगी। अनामिका शुक्ला प्रकरण के सामने आने के बाद योगी सरकार उत्तर प्रदेश के सभी स्कूलों में मौजूद स्टाफ के दस्तेवाजों की भी जाँच करवा रही है।
इसके अलावा मोहसिन रज़ा ने समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सपा ने वोट बैंक के लिए मदरसों में भारी भ्रष्टाचार किया और अपने करीबियों को अनुचित लाभ पहुँचाया। दस्तावेजों की जाँच में दोषी पाए जाने वालों को सख्त सजा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मदरसे में नौकरी करने वालों के विरुद्ध काफी शिकायतें मिल रही थीं। अब मदरसों में नियुक्त सभी कर्मचारियों के सेवा संबंधी अभिलेखों की जाँच कराने का फैसला योगी सरकार ने लिया है।
गौरतलब है कि योगी सरकार ने यूपी में सत्ता सँभालने के बाद से लगातार मदरसों में पढ़ रहे छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए कई कदम उठाएँ। ये कदम भी उसी दिशा में है। इससे पहले योगी सरकार ने मदरसों के आधुनिकरण पर अपना फैसला सुनाया था। वहीं ये भी ऐलान किया था कि योगी सरकार मदरसों के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें सम्मानित करेगी और टॉपर्स को 5-5 हजार रुपए का इनाम देगी।
इसके अतिरिक्त यूपी सरकार ने पिछले दिनों मदरसों में उच्च शिक्षा को लेकर एक एडवाइजरी भी जारी की थी। इस एडवाइजरी में बताए गए नियम के मुताबिक फैसला किया गया था कि अब मदरसे में में गैर उर्दू भाषी भी अब मदरसे में टीचर बन सकेंगे।