फ़ोन पर यूं ही बात करते हुए एक किसान को एक Idea सूझा और उस आईडिया ने सिर्फ़ उस किसान की बल्कि उसके गांव के अन्य खेतिहरों की ज़िन्दगी बदल डाली. इस महामारी के काल में घाटे का सौदा भी मुनाफ़े में बदल गया. गांव के किसानों ने पिछले तीन महीने में करीब 2.75 करोड़ का बिज़नेस किया.
कोरोना के चलते मार्च में नेशनल लॉकडाउन लागू हो गया था. इस दौरान, कई किसान अपनी फसलों को लेकर चिंतित थे. जिसमें से एक नाम मनीष मोरे का भी है, पुणे के ओतूर गांव के रहने वाले मनीष को ये चिंता सता रही थी कि उनके खेत की सब्जियां अब कैसे बिक पाएंगी.
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, Whatsapp पर इन किसानों के ग्रुप पर लोग शहरों तक अपनी सब्ज़ी पहुंचाने की बात डिस्कस कर रहे थे. इस दौरान, मुंबई में रहने वाले मनीष के एक रिश्तेदार का फ़ोन आया, जिन्होंने मनीष को शहर में सब्ज़ियों की भारी कमी के बारे में बताया. मनीष ने TOI से बात करते हुए कहा, “इसके बाद अप्रैल में एक छोटी सी पहल शुरू की गई, जिसमें 9 अप्रैल को 60 बॉक्सेस का पहला ऑर्डर डिलीवर हुआ था. धीरे-धीरे यह बढ़कर Whatsapp के ज़रिये करीब 480 किसानों तक फैल गया.
यह पहल इतनी बड़ी हो चुकी है कि अब यह एक ब्रांड के रूप में विकसित हो चुकी है, जिसका नाम रखा गया है KisanKonnect. एग्रीकल्चर में पोस्ट ग्रेजुएट मनीष के एक आईडिया के ज़रिये आज ये समूह करीब 80 हज़ार डिलीवरी पूरी कर चुका है. इसेक अलावा, अब इसे बढ़ाते हुए एक पैकेजिंग हाउस भी स्थापित किया जा रहा है. दिलचस्प बात है कि लॉकडाउन में वापस आये बच्चों ने इसे बढ़ाने में मदद देनी शुरू कर दी है, जिसमें एक वेबसाइट शुरू करना भी शामिल है.