ओम प्रकाश चौटाला । हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल के अध्यक्ष । साल 2013 में जेबीटी घोटाले में जेल चले गएं । उनपर आरोप था कि शिक्षक भर्ती में हुए घोटाले में उनका भी हाथ था । कोर्ट में वो दोषी करार दिये गए और उन्हें 10 साल की सजा सुना दी गई । आज अपनी लगभग सजा पूरी कर लेने के बाद कोर्ट ने उन्हे रिहा कर दिया है ।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री के रिहाई पर उनके कार्यकर्ताओं ने जोरदार तरीके से उनका स्वागत किया । दिल्ली हरियाणा रोड पर उनके समर्थकों ने उनके काफिले को फूल से लाद दिया ।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री एवं इंडियन नेशनल लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला आज करीब सुबह 9.30 बजे अपनी रिहाई के लिए तिहाड़ जेल पहुंचे। यहां कागजी कार्रवाई पूरी कर रिहाई के फार्म पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान उनके पोते कर्ण चौटाला उनके साथ रहे।
तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद इनेलो सुप्रीमो गुरुग्राम स्थित अपने आवास के लिए रवाना हुए। दिल्ली-गुरुग्राम बार्डर पर हजारों की संख्या में इनेलो पार्टी के कार्यकर्ता अपने नेता का स्वागत करने पहुंचे।
कोरोना ने करवा दिया रिहा
दिल्ली सरकार ने पिछले महीने आदेश पारित कर कोविड-19 महामारी के चलते जेलों में भीड़ कम करने के इरादे से ऐसे कैदियों की छह महीने की सजा माफ कर दी थी, जिन्होंने 10 साल की कैद में से साढे़ नौ साल की सजा काट ली है।
अधिकारियों के मुताबिक, 86 वर्षीय चौटाला पहले ही साढ़े नौ साल की सजा पूरी कर चुके थे और ऐसे में वह रिहा होने की अर्हता रखते थे। इससे पहले अधिकारी ने बताया कि शिक्षक भर्ती घोटाले में वर्ष 2013 से कैद की सजा काट रहे चौटाला 26 मार्च 2020 से ही कोविड-19 आपात पैरोल पर जेल से बाहर हैं। उन्हें 21 फरवरी 2021 को सरेंडर करना था, लेकिन हाईकोर्ट ने पैरोल की अवधि बढ़ा दी थी
वर्ष 2000 में गैर कानूनी तरीके से 3,206 जूनियर बेसिक शिक्षकों की भर्ती के मामले में अदालत ने ओम प्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला और आईएएस अधिकारी संजीव कुमार सहित 53 अन्य को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी।
जेल में ही पास की थी बारहवीं की परीक्षा
जेल में ही साल 2017 में जेल की सजा काटने के दौरान ही श्री चौटाला ने बारहवीं की परीक्षा पास की थी । वो इसमें प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए थे । तिहाड़ जेल में कैदियों के लिए बनाए गए केंद्र पर राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान द्वारा कराई गई 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए थे । उनके पुत्र ने बताया कि आर्थिक कारणों से उन्होंने पहले पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी । इसिलये जेल में उन्होनें समय का सदुपयोग किया ।