प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को आत्मनिर्भर भारत अभियान का ऐलान किया. इसके लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज जारी करने की जानकारी भी उन्होंने दी. इसके तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रोजाना पैकेज के बारे में जानकारी दे रही हैं. 16 मई को उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस स्ट्रक्चरल रिफॉर्म को लेकर रही. इसके तहत कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, एयरस्पेस मैनेजमेंट, एयरपोर्ट, स्पेस, एटॉमिक एनर्जी और केंद्रशासित प्रदेशों की बिजली कंपनियों पर ध्यान देने की बात कही गई. वित्त मंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों में सुधार का मकसद विकास को गति देना और नौकरियां बढ़ाना है.
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सीतारमण ने ये ऐलान किए
# दूसरे देशों से कोयला मंगाने में कमी लाने की जरूरत है. इसके लिए कोयला खनन में सरकार का एकाधिकार खत्म किया जाएगा. कॉमर्शिएल खनन की अनुमति दी जाएगी. इसके तहत प्रति टन के हिसाब से पैसे लेने की परंपरा खत्म की जाएगी. इसकी जगह राजस्व बंटवारे का तरीका अपनाया जाएगा. इसका मतलब है कि अब से कोई भी कोयला खनन के लिए बोली लगा सकेगा और उसे मार्केट में बेच सकेगा.
# कोल इंडिया लिमिटेड की खदाने भी प्राइवेट सेक्टर को दी जाएंगी.
# खानों से कोयला निकालने के इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसमें से 18 हजार करोड़ रुपये का निवेश खानों से रेलवे तक कोयले को पहंचाने में आसानी के लिए किया जाएगा. 500 माइनिंग ब्लॉक की नीलामी होगी.
# रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पर जोर. इसके लिए सरकार कुछ हथियारों को बाहर से मंगाने पर प्रतिबंध लगाएगी. बाहर से मंगाए जाने वाले कलपुर्जों को भारत में बनाने पर भी जोर दिया जाएगा.
# रक्षा क्षेत्र में एफडीआई यानी विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाई जाएगी. इसे 49 से 74 प्रतिशत किया जाएगा.
# रक्षा उत्पादों की खरीद प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट बनाई जाएगी. ऑर्डिनंस फैक्ट्री का कॉर्पोरेटाइजेशन होगा.
Govt. brings Policy Reforms in Coal Sector:
✅ Introduction of Commercial Mining in Coal Sector
✅Investment of Rs 50,000 crores
✅Liberalised Regime in Coal Sector #AatmaNirbharEconomy (2/2) pic.twitter.com/ezqYw67O4z— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 16, 2020
# पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत छह एयरपोर्ट बनाए जाएंगे. इससे पहले राउंड में सालाना करीब 1000 करोड़ रुपये एयरपोर्ट अथॉरिटी के पास आएगे. इसके अलावा 2300 करोड़ रुपये का डाउन पेंमेंट भी करना होगा. इसके अलावा 12 एयरपोर्ट में निजी कंपनियों के निवेश से 13000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.
# अभी भारतीय एयरस्पेस केवल 60 प्रतिशत ही खुला हुआ है. इसके चलते उड़ानों को लंबा रूट लेना पड़ता है. इसे ठीक किया जाएगा. इससे एविएशन सेक्टर को हर साल करीब 1000 करोड़ रुपये का फायदा होगा. साथ ही तेल की खपत और समय भी कम होगा.
FDI limit in the defence manufacturing under automatic route will be raised from 49% to 74%: #AatmanirbharBharart in Defence. #AatmaNirbharEconomy pic.twitter.com/4QFr5qjb8O
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# अभी सिविल और डिफेंस एयरक्राफ्ट मरम्मत के लिए दूसरे देशों में जाते हैं. यह काम भारत में ही हो इसके लिए सरकार ने टैक्स को तर्कसंगत बनाया गया है. आने वाले तीन सालों में एयरक्राफ्ट के पुर्जों की मरम्मत और रखरखाव का काम 800 करोड़ रुपये से 2000 करोड़ रुपये हो जाएगा. एयरक्राफ्ट की मरम्मत, रखरखाव में भारत ग्लोबल हब बनेगा.
# केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली कंपनियों का निजीकरण होगा. इससे विद्युत उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए प्रीपेड बिजली के मीटर लगाए जाएंगे. बिजली क्षेत्र में सब्सिडी डीबीटी के जरिए दी जाएगी.
# बिजली की कीमतों की नीति में सुधार किया जाएगा. इसमें आम लोगों के अधिकारों, उद्योगों को बढ़ावा देने और ऊर्जा सेक्टर निरंतरता पर जोर दिया जाएगा.
# सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 8100 करोड़ रुपये का ऐलान किया गया है. इसके तहत सामाजिक बुनियादी ढांचे में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा. अब 30 फीसदी केंद्र और 30 फीसदी राज्य सरकारें वायबिलिटी गैप फंडिंग के रूप में देंगी. बाकी सेक्टर के लिए यह 20 फीसदी ही है.
More World-class #Airports through #PPP: Another 6 airports will be put out for the third round of bidding. #AatmaNirbharEconomy pic.twitter.com/v2hzNoL4Sw
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# अंतरिक्ष के क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों को मौका दिया जाएगा. ISRO की सुविधाओें का प्रयोग भी निजी कंपनियां कर पाएंगी. रिसर्च रिएक्टर पीपीपी मॉडल में स्थापित किया जाएगा. जिनसे कैंसर जैसे रोगों के उपचार में मदद मिलेगी.
# स्पेस सेक्टर को प्राइवेट कंपनियों के लिए भी खोला जाएगा. इसके तहत सैटेलाइट, लॉन्च के लिए सबके पास बराबर मौका होगा. प्राइवेट सेक्टर इसरो का साजोसामान और सुविधाएं इस्तेमाल कर सकेगा. प्राइवेट कंपनियां भी आने वाले समय में ग्रहों की खोज के काम कर सकेंगी.
Boosting private participation in Space activities: Govt. to provide predictable policy and regulatory environment to private players#AatmaNirbharEconomy in Space Sector pic.twitter.com/JnOLwn2nut
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# सरकारी और निजी कंपनियां मिलकर रिसर्च रिएक्टर तैयार करेंगी. कृषि सुधारों, किसानों की मदद करने, खाद्य सामग्री को सुरक्षित रखने के लिए निजी कंपनियों के साथ मिलकर सुविधाएं तैयार की जाएंगी.