हाल में ही चीफ जस्टिस का ऑफिस आरटीआई के दायरे में आने के बाद एक चीज पर जो सबसे ज्यादा बहस शुरू हुई है वो है कि राजनैतिक पार्टी का ऑफिस भी आरटीआई के दायरे में आऐं । इसी बात को लेकर कल टाइम्स नॉउ के दफ्तर में एक टीवी डिबेट का आयोजन किया गया था । जिसमें राजनैतिक पार्टी के चंदे की बात सार्वजनिक करने की बात पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भड़क गएं ।
इस फैसले के बाद से राजनीतिक पार्टियों को भी सूचना के अधिकार के दायरे में आने की बहस एक बार फिर से तेज हो गई है। इस कड़ी में एक टीवी चैनल पर बातचीत के दौरान टीवी एंकर केंद्रीय कानून मंत्री से भिड़ गई और कहा कि लीगल बात कीजिए आरटीआई में चंदा कहां से आता है। इस पर मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि ये बताइए चैनल की फंडिंग कहां से होती है।
दरअसल, एंकर ने कहा कि आरटीआई का मुद्दा साधारण मुद्दा है लोगों ने अपने लिए जिस सरकार का चुनाव किया है। उन्हें उस सरकार के बारे में जानने का हक है कि पार्टी के पास से फंड कहां से आ रहा है। इस पर कानून मंत्री रविशंकर ने कहा कि आप अपने बारे में सारी जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं। इस पर एंकर ने कहा कि मैं निजी जानकारी की बात नहीं कर रही हूं। मैं राजनीतिक पार्टी की बात कर रही हूं। आप पैसे का मामला नहीं शेयर करना चाहते मोटी बात तो यही है। इस पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हो सकता है एक दिन ऐसा आएगा कि लोग जानना चाहेंगे कि न्यूज चैनल्स के पास कहां से फैसा आता है। इस पर एंकर ने कहा कि लीगल बात कीजिए आप कानून मंत्री हैं।