नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लखनऊ में हिंसा हुई थी। इस दौरान संपत्ति को भी व्यापक नुकसान हुआ था। प्रदेश की योगी सरकार ने सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई प्रदर्शनकारियों से ही करने की घोषणा की थी। अब सरकार ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है।
संशोधित नागरिकता कानून (Amended Citizenship Act) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के कारण लखनऊ (Lucknow) के अपर जिला मजिस्ट्रेट, नगर (पश्चिम) ने 10 लोगों पर 63 लाख 73 हजार 900 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इन लोगों को यह धनराशि आदेश जारी करने के 30 दिन के भीतर जमा करानी होगी। संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में लखनऊ में राजनीतिक और गैर राजनीतिक संगठनों ने 19 दिसंबर 2019 को सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान कई जगह पथराव, हिंसा और आगजनी की घटनाएं की गईं थीं।
अपर जिला मजिस्ट्रेट, नगर(पश्चिम) लखनऊ: 19 दिसंबर 2019 को विधि विरुद्ध जमावड़ा प्रदर्शन में सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने के चलते 10 लोगों पर 63,73,900 रुपये का जुर्माना लगाया गया है, उन्हें ये धनराशि 30 दिन के भीतर जमा करानी होगी।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 3, 2020
अपर जिलाधिकारी ने दिया था यह आदेश
उसी दिन लखनऊ के परिवर्तन चौक इलाके में भी प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए अपर जिलाधिकारी (पूर्वी) केपी सिंह ने 17 फरवरी को दोषी पाए गए लोगों से 63 लाख रुपए की वसूली के आदेश दिए थे। उन्हें यह रकम आगामी 20 मार्च तक जमा करने के आदेश दिए थे। अगर वे इसमें नाकाम रहते हैं तो उनकी संपत्ति कुर्क कर इस नुकसान की भरपाई की जाएगी।
मधेगंज पुलिस चौकी पर किया गया था हमला
19 दिसंबर को लखनऊ के खदरा इलाके में पुलिस और प्रदर्शनकारियों में जमकर झड़प हुई थी। ये झड़प थोड़ी देर बाद पथराव में बदल गईं थी। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने और हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था, इसके बाद भी जब हालात नहीं संभले तो पुलिस को आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े थे। उस दिन प्रदर्शनकारियों ने मधेगंज पुलिस चौकी पर हमला कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ के बाद पुलिस चौकी में खड़ी कई गाड़ियों को फूंक दिया था। हिंसा के बाद पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर फोर्स तैनात कर दी थी।