देश भर में चल रहे CAA प्रदर्शन यूँ ही इतना लंबा और हिंसक नहीं हो गया है । जांच में पता चला है कि पीएफआई का इससे कनेक्शन है । और हिंसा भड़काने के लिये बकायदा इन्हे पैसे दिये जाते थे । सूत्रों से मिली खबर के अनुसार PFI ने प्रदेशभर में हिंसक घटनाओं को अंजाम देने के लिए हवाला के जरिए एजेंट्स को पैसे भेजे थे।
पैसे के लेने देन की जानकारी के लिए वाट्सऐप का इस्तेमाल किया गया था। जिसमें वाट्सऐप कोड का भी इस्तेमाल हुआ था। बताया जा रहा है कि कोड का आधा नंबर उस एजेंट को दिया गया जिसे पैसे आगे पहुंचाने थे और आधा नंबर उस एजेंट को जिसे पैसे लेने थे। साथ ही पूरा कोड एक मुख्य एजेंट को दिया गया था जिसके पास फंड था। इस कोड को मिलाने के बाद पैसे ट्रांसफर किए गए थे। खबर है कि पैसा खपाने के लिए चार्टेड अकाउंटेट की भी मदद ली गई।
गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसा हुई थी। जिसके बाद जांच में सामने आया कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने हिंसा के लिए लोगों को भड़काया। इसके लिए बकायदा फंडिंग भी की गई।
बता दें कि, कुछ दिन पहले ही डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह ने बताया था कि हिंसा फैलाने में PFI की अहम भूमिका रही है। मेरठ, लखनऊ, कानपुर समेत 13 जिलों से PFI के 108 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद समेत 25 सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। एडीजी मेरठ जोन ने बताया था कि मेरठ जोन में ही अकेले 47 PFI सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं।
ज्ञात हो कि शरजील इमाम के गिरफ्तारी के बाद से यह पुलिस यह जानने में लगी थी, यह सब कौन करवा रहा है और इसके पीछे किसका हाथ है । जो नतीजे सामने आएं वो चौकाने वाले थे । ऐसे में लगता है जैसे फंडिग के वजह से ही शाहीन बाग जैसे जगहों पर भी प्रदर्शन हो रहा है ।