रेलवे स्टेशनों (Railway Stations) पर संदिग्ध या अपराधियों की पहचान करना अब आसान हो जाएगा. रेलवे प्रोटेक्शन फ़ोर्स (RPF) ने Artificial intelligence (AI) से लैस चेहरे की पहचान करने वाला सॉफ्टवेयर तैयार किया है. इस सॉफ्टवेयर की मदद से संदिग्ध व्यक्ति का डाटा सिस्टम में डाला जाएगा, जैसे ही स्टेशन पर कैमरे में वो व्यक्ति कैद होगा उसका फॉरेन लाईन RPF कंट्रोल रूम में भेज दिया जाएगा.इस Face Recognition सिस्टम की शुरुआत बैंगलोर रेलवे स्टेशन से की गई है. जल्द ही इस नए सिस्टम को दिल्ली, कोलकाता, पटना और मुम्बई समेत 100 बड़े रेलवे स्टेशन पर इंस्टॉल किया जाएगा. रेलवे के मुताबिक इस सॉफ्टवेयर से अपराधियों को पकड़ने में आसानी होगी और यात्रियों की सुरक्षा भी बढ़ेगी.
बैंगलोर में रेलवे खोलेगा साइबर सेल
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, रेलवे स्टेशनों पर फेस रिकॉग्निशन सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के तहत इंस्टॉल किया जायेगा. आरपीएफ बैंगलोर में एक साइबर सेल भी खोल रही है ताकि एआई सिस्टम द्वारा जेनरेटेड डेटा इंटीग्रेट किया जा सके और पुलिस की मदद से फौरन इसका एनालिसिस किया जा सके.
बायोमेट्रिक टोकन की भी तैयारी
यही नहीं, अब दक्षिण-पश्चिम रेलवे बहुत जल्द जनरल बोगी के यात्रियों के लिए बायोमेट्रिक आधारित टोकन लाने वाला है. एक अधिकारी के मुताबिक, यह टोकन उन यात्रियों के लिए उपलब्ध होगा जो यात्रा से ठीक पहले प्लेटफॉर्म से टिकट बुक कराते हैं. रेवले का मकसद है कि वास्तविक यात्रियों को ट्रेन की बोगी में सीट मिल सके. साथ ही उनकी पहचान भी हो सकते गैर—कानूनी रूप से इस दूसरी बोगियों में घूसते हैं.