उन्नाव की दुराचार पीड़िता शुक्रवार देर रात ज़िन्दगी की जंग हार गयी। दुराचार के आरोपियों ने उसपर हमला किया था। दुराचार के आरोपियों ने बेल पर छूटने के बाद ही गुरुवार तड़के पीड़िता को आग लगा दी थी। आग में जलते हुए पीड़िता करीब एक किलोमीटर भागी और लोगों की मदद से पुलिस को आपबीती बताई। उसकी ख़राब हालत को देखते हुए गुरुवार को ही एयरलिफ्ट कर इलाज़ के लिए नई दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
शुक्रवार देर रात करीब 11.40 बजे कार्डियक अरेस्ट की वजह से पीड़िता ने दम तोड़ दिया। पीड़िता के बारे में हॉस्पिटल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ सुनील गुप्ता ने बताया कि वो लगतार यही पूछ रही थी कि उसकी जान तो बच जायेगी ? पीड़िता को वेंटीलेटर पर रखा गया था। घायल होने के बाद उसने अपने भाई से कहा कि कुछ भी करना लेकिन किसी भी आरोपी को छोड़ना मत। पीड़िता का भाई इस घटना के बाद लगातार यही सवाल उठाते जा रहा था। इस घटना का सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह है कि पुलिस ने रेप की घटना के तीन महीने बाद तक FIR तक दर्ज नहीं की थी। पीड़िता के परिजनों ने कोर्ट में अर्जी लगायी और कोर्ट से आदेश होने के बाद ही दुराचार का मामला दर्ज किया गया। इस केस में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें से दो शिवम और शुभम हैं, जिन्होंने दुराचार और इस घटना को अंजाम दिया। करीब 9 महीने जेल में रहने के बाद जब दोनों को 3 December को कोर्ट से जमानत मिली तो दोनों ने सबसे पहले इस घटना को अंजाम दिया।
पीड़ित को जलाने के बाद आरोपी मौके से भाग गए। इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी रविन्द्र ने बताया था कि वह दूर से दौड़ती आ रही थी। वह चीख रही थी- बचाओ-बचाओ। मैंने पूछा भी कि तुम कौन हो? उसके पूरे शरीर में आग लगी हुई थी। यह देखकर मैं डर गया। मुझे लगा कि कोई भूत है। मैं घर से डंडा और कुल्हाड़ी लेकर उसके सामने गया। फिर उसने अपने पिता का नाम बताया। फिर पुलिस हेल्पलाइन डायल कर पीड़ित के बारे में बताया। पीड़ित ने पुलिस को पूरी बात बताई, फिर पुलिस उसे लेकर गई। इस पूरी वारदात में पीड़िता 90 से 95 फीसदी जल गयी थी।
इस पूरे मामले की शुरुआत साल 2017 में हुयी थी। पीड़िता के गांव में ही रहनेवाले शिवम ने शादी का झांसा देकर जाल में फास लिया था। उसने दुष्कर्म के वीडियो बनाकर ब्लैकमेल और मानसिक तौर पर यातनाएं दीं। मजबूर होकर लड़की अपनी बुआ के घर रायबरेली चली गई। शिवम ने यहां भी उसका पीछा नहीं छोड़ा और हथियारों के दम पर सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़िता के परिजन पुलिस में एफआईआर दर्ज करने गए तो पुलिस ने न तो केस दर्ज किया और न ही किसी पड़ताल की जरूरत समझी। अंततः परिजन कोर्ट गए और कोर्ट के आदेश पर मार्च 2018 में केस दर्ज हुआ। इसके बाद 5 मार्च, 2018 को एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर दुष्कर्म के दो आरोपियों शिवम और शुभम को गिरफ्तार किया था। इसके बाद दोनों 3 दिसंबर को जमानत पर बाहर आए तो लड़की को जला दिया। पुलिस ने शिवम, उसके पिता रामकिशोर, शुभम, हरिशंकर और उमेश बाजपेयी को गिरफ्तार किया है।