महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर एक बार फिर से खतरा मंडराने लगा है. इस बार कारण है सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या केस. दरअसल, सुशांत सिंह राजपूत केस को महाराष्ट्र सरकार सीबीआई को सौंपना नहीं चाहती है, जिसके बाद सहयोगी एनसीपी में बगावत शुरू हो गई है. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस बगावत से सरकार भी गिर सकती है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार सुशांत केस में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के भतीजे पार्थ पवार के बयान के बाद एनसीपी में बगावत शुरू हो गया है. वहीं इस मामले को लेकर शरद पवार ने डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि पार्थ ने इस मामले में बगावत शुरू कर दिया है और अपना अलग रास्ता भी अख्तियार कर सकते हैं. वहीं मामला तुल पकड़ने के बाद शरद पवार ने अपने आवास पर भतीजे अजीत पवार और बेटी सुप्रिया सुले के साथ बैठक किया से जिसके कुछ देर बाद बैठक में पार्थ को भी बुलाया गया. बताया जा रहा है कि यह बैठक तकरीबन 2 घंटे तक चली.
बीजेपी में हो सकते हैं शामिल- पार्थ पवार के बारे में महाराष्ट्र में अटकलों का दौर शुरू हो गया है. बताया जा रहा है कि वे बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. वहीं बीजेपी नेताओं ने इसका खंडन किया है. बीजेपी के एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने के शर्त पर इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘पवार के फैमिली को बीजेपी कभी शामिल नहीं कराएगी.’ पवार ने लगाई थी सार्वजनिक फटकार- सुशांत केस को सीबीआई के हवाले करने को लेकर पार्थ द्वारा दिए गए बयान पर शरद पवार ने सार्वजनिक फटकार लगाई. बताया जा रहा है कि इसके बाद से ही शरद पवार फैमिली में क्लेस बढ़ गया है. सुप्रीम कोर्ट फैसले पर निर्भर- माना जा रहा है कि पार्थ इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच को लेकर सुनवाई पूरी कर ली है और जल्द ही इसपर फैसला सुनाएगी.