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आज करमा पर्व मनाया जा रहा है. हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को करमा पर्व मनाया जाता है. करमा पर्व भाई बहन के स्नेह और प्रेम की निशानी के रूप में मनाया जाता है. करमा पर्व झारखंड के प्रमुख त्यौहारों में से एक है और काफी लोकप्रिय है.
आज से शुरू हुआ ये पर्व अगले 3 दिन तक चलेगा. आज महिलाएं और युवतियां संयत है, कल यानी कि 30 अगस्त को निर्जला उपवास रहेंगी. मुख्य पूजा सबके लिए है. शाम को महिलायें और युवतियां आंगन में करम पौधे की डाली गाड़कर फल, फूल आदि से पूजा करेंगी. यह पर्व सिर्फ झारखंड में ही नहीं मनाया जाता बल्कि बंगाल, असम, ओड़िशा, तथा छत्तीसगढ़ में भी पूरे हर्षोल्लास एवं धूमधाम से मनाया जाता है.
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इस पर्व को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य है बहनों द्वारा भाईयों के सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना की जाती है. झारखंड के लोगों की परंपरा रही है कि धान की रोपाई हो जाने के बाद यह पर्व मनाया जाता रहा है. धरती अपनी हरियाली की चादर फैला रही होती है तब करम पर्व खुशियों से मनाने का आनंद और अधिक बढ़ जाता है.
घर में बहनें अपने पैरों में आलता रंग लगाती हैं. नयी साड़ी और पूर्ण आभूषणों से अपने को सजाती हैं. चना, खीरा, अटरी, पटरी, गुड़, दूध, जल, फल, फूल, धूप-धूवन, अरवा चावल सिंदूर तथा कुछ पैसे से थाली या डाली को सजाकर तैयार रखती है. गांव के कोई दो-तीन भाई, बुजुर्ग या कोई सज्जन व्यक्ति नये वस्त्र धारण कर गांव के युवक-युवतियों संग मांदर बजाते नाचते डेगते करम डाली काटने को चले जाते हैं. वहां पहुंचकर करम पेड़ का पूरे श्रद्धा से पूजा-अर्चना करके पेड़ चढ़कर तीन डालियां काटता है और साथ लेकर पेड़ से उतरता है इसमें यह भी ध्यान रखना होता है कि करम डाली जमीन पर गिरे नहीं. उसके बाद करम डाली लेकर सभी कोई घर की ओर प्रस्थान करता है.
जानें पूजा विधि
घर के आंगन में जहां साफ-सफाई किया गया है वहां विधिपूर्वक करम डाली को गाड़ा जाता है. उसके बाद उस स्थान को गोबर में लीपकर शुद्ध किया जाता है. बहनें सजा हुआ टोकरी या थाली लेकर पूजा करने हेतु आंगन या अखड़ा में चारों तरफ करम राजा की पूजा करने बैठ जाती हैं. करम राजा से प्रार्थना करती है कि हे करम राजा! मेरे भाई को सुख समृद्धि देना. उसको कभी भी गलत रास्ते में नहीं जाने देना. यहां पर बहन निर्मल विचार और त्याग की भावना को उजागर करती है. यहां भाई-बहन का असीम प्यार दिखाई देता है. यह पूजा गांव का बुजुर्ग कराता है.