राकेश रंजन आज कार्टून की दुनियाँ का एक जाना माना नाम है । इनके कार्टून न केवल मारक होते हैं बल्कि समाज पर सरकार को हमेशा कठघरें में तैयार करने वाली होती है । पिछले दिनों मनीषा बाल्मीकि पर पर बने इनके कार्टून ने न केवल मीडिया को आइना दिखाया था बल्कि सरकार के दलाल मीडिया की पोल खोल कर रख दी थी ।
एक तरफ जहाँ ये कार्टून चुटीले अंदाज में समाज को गुदगुदाते हैं उन्हे तैयार करते हैं, वहीं कुछ समाज के ठेकेदारों को यह बुरा भी लगता है । ताजा मामला कल का है । पत्रकार ने डीजल-पेट्रोल के बढ़ते कीमतों के खिलाफ एक कार्टून बनाया । इस कार्टून के अनुसार भगवान राम माँ सीता को स्कूटी पर बिठाकर कहते नजर आ रहे हैं कि, ‘सीते आओ तुम्हे तुम्हारा मायका घुमा लाउ, इसी बहाने पेट्रोल भी भरवा लूँगा’ हालांकि पत्रकार ने यह कार्टून इस बहाने से बनाया था ताकि लोगों को बता सकें कि नेपाल भारत से पेट्रोल खरीदकर सस्ते कीमतों में बेच रहा है ।
लेकिन यह पोस्ट कई लोगों को इतना पिंच कर गया कि ये उन्हे आस्था का विषय बना लिये । लोगों ने इन्हे आस्था से जोड़ लिया और इसे भगवान राम के अपमान का विषय बनाकर पत्रकार को भद्दी-भद्दी गालियाँ देने लगे । इतना हीं नहीं उन्हे कई अज्ञात नंबरों से धमकियाँ मिलने लगी और शोशल मीडिया पर गंदी-गंदी गालियाँ भी लिखी जाने लगी । इतना ही नहीं आधी रात को उन्हे धमकी भरे फोन आने लगे । हमारे संवाददाता ने इस बाबत पत्रकार से बात की तो पता चला कि कई अज्ञात नंबर से उन्हे जान से मारने की धमकी भी मिल रही है । सोशल मीडिया पर एक तबका अपनी नीचता के नीचे तक पहुँच कर उन्हे गालियाँ दे रहा है ।
अभिव्यक्ति की आजादी का ये फलसफा सिर्फ और सिर्फ भारत में ही लिखा जा सकता है । जहाँ एक तरफ कार्टून बनाने के लिये काटूनिस्टों को गालियाँ सुननी पड़ती है वहीं पत्रकारों को उनकी आवाज को दबाने के लिये भरपूर दवाब बनाया जा रहा है । ऐसे इतना तो जरूर कह सकते हैं कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी वाला जो पन्ना है उसे फाड़ कर फेंक देना चाहिये ।