भैया बनारस आएं और पान नहीं खाए तो क्या खाक बनारस आएं । ये आपको भले ही डायलॉग लगे लेकिन बनारस के साथ कुछ ऐसा ही है । यहाँ जो आता है वो यहाँ के पान का शौकीन बन जाता है । इस पान के शौकिनों के लिये ही कोरोना काल में भी बनारस की पान दुकान हमेशा खुली रही है । लेकिन पुरे सावधानी के साथ ।
बनारस के लोग और पान का का गहरा रिश्ता है. कोरोना काल में भी पान के शौकीन पान का जुगाड़ कर ले रहे थे. अब जबकि अनलॉक की दिशा में देश तेजी से बढ़ रहा है तो पान की दुकानें भी खुल गई हैं. लेकिन, जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, इससे लोग चिंतित भी हैं. ऐसे में वाराणसी के एक पान वाले ने अपने ग्राहकों और खुद को संक्रमण से बचाने का रास्ता निकाल लिया है.
राहुल चौरसिया की लंका-अस्सी मार्ग पर रविंद्रपुरी इलाके में पान की दुकान है. लॉकडाउन के दौरान उनकी दुकान भी बंद रही. अनलॉक में दुकान खुल तो गई, लेकिन उन्हें अपनी और अपने ग्राहकों की चिंता सताई. ऐसे में उन्होंने संक्रमण से बचाव के लिए पीपीई किट नुमा एक ड्रेस खरीदा. अब वह यही पहनकर पान बेचते हैं.
इस ड्रेस के साथ ही वह एक फेस मास्क भी पहनते हैं. यह बिल्कुल उन्हें सिर से गले तक पूरी तरह से ढक देता है. वह इसे पहने-पहने काम करते हैं. थोड़ी-थोड़ी देर पर उसे सैनिटाइज भी करते रहते हैं.