चीन के साथ तनातनी ने भारत के राष्ट्रवाद के चिंगारी को और हवा दे रही है । देश भर में उठ रहे चाइनीज सामानों के विरोध ने पुरे भारत में एक नई क्रांति ला दी है । लोग खुलकर इसके लिये आवाज उठा रहे हैं । देश के कई नेताओं ने भी स्वदेशी अपनाने की बात की है । वहीं कुछ लोग खुले रूप से इसके विरोध में उतर आए हैं । ताजा मामला कोलकाता का है ।
चीन के विरोध में कोलकाता की जोमैटो कंपनी के कर्मचारियों ने सामूहित इस्तीफा दिया. कोलकाता में प्रदर्शन में शामिल कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्होंने जोमैटो (Zomato) की नौकरी छोड़ दी है, क्योंकि इसमें चीन (China) का निवेश है. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से जोमैटो के जरिए खाने का ऑर्डर नहीं करने का अनुरोध किया.
कोलकाता. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley Face off) में पिछले कई महीने से चले आ रहे विवाद और 15 जून की रात भारत (India) और चीन (China) के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों को लेकर देश में गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है. चीन के विरोध में कोलकाता (Kolkata) में खाने की डिलीवरी करने वाली ऐप कंपनी जोमैटो (Zomato) में काम करने वाले कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया. यही नहीं इन कर्मचारियों ने चीनी ऐप कंपनी का विरोध करते हुए कंपनी की टी-शर्ट फाड़ी और जलाई.
बेहाला में प्रदर्शन में शामिल कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्होंने जोमैटो की नौकरी छोड़ दी है, क्योंकि इसमें चीन का निवेश है. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से जोमैटो के जरिए खाने का ऑर्डर नहीं करने का अनुरोध किया. गौरतलब है कि चीन की कंपनी अलीबाबा से जुड़े एंट फाइनेंशियल ने 2018 में जोमैटो में 21 करोड़ डॉलर का निवेश कर उसकी 14.7 प्रतिशत साझेदारी (शेयर) खरीद ली थी. जोमैटो ने हाल ही में एंट फाइनेंशियल से 15 करोड़ डॉलर की राशि फिर से जुटाई है.
प्रदर्शन में शामिल एक व्यक्ति ने कहा, चीनी कंपनियां यहां से मुनाफा कमा रही हैं और हमारे सैनिकों पर हमले कर रही हैं. वे हमारी जमीन हथियाना चाहती हैं. ऐसा हम नहीं होने दे सकते. गौरतलब है कि मई में जोमैटो ने अपने 13 प्रतिशत कर्मचारियों, 520 लोगों को कोविड-19 महामारी का हवाला देकर नौकरी से निकाल दिया था.
जोमैटो से इस संबंध में तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. और ना ही इस बारे में कोई जानकारी मिली है कि प्रदर्शन करने वाले लोग कहीं नौकरी से निकाले गए कर्मचारी तो नहीं हैं.